बच्चों के टीचर से बात कर के उनकी प्रगति जानें।
बच्चों की इच्छाओं और परेशानियों के बारे में जानें।
प्रैक्टिकल ज्ञान से बच्चों का बेस मजबूत करें।
माइंड गेम्स से बच्चों का दिमाग शार्प करें।
समय-समय पर बच्चों को प्रोत्साहित करें।
बच्चों को हमेशा बेस्ट देने की कोशिश करें।
अगर बच्चा कमजोर है तो निराश न हों।