UPSC 2024 परीक्षा में अपराजिता ने दूसरी बार में कैसे हासिल की सफलता?

शुरुआती संघर्ष

अपराजिता की शुरुआत खराब लिखावट वाली एक औसत छात्रा के रूप में हुई, जिसे पढ़ाई में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

लिखावट संबंधी समस्याओं पर काबू पाना

खराब लिखावट के कारण अस्वीकृति का सामना करने के बावजूद, उन्होंने इसे सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की।

शैक्षिक पृष्ठभूमि

अपराजिता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने से पहले एमबीबीएस की पढ़ाई की।

पहला प्रयास

2017 में, उन्होंने अपना पहला प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सकीं।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

2018 में अपराजिता ने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 82 हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गईं।

चुनौतियों के बीच दृढ़ संकल्प

तैयारी के दौरान चिकनगुनिया और बुखार जैसी बीमारियों से जूझने के बावजूद वह डटी रहीं।

सफलता के प्रति प्रतिबद्धता

अपराजिता का मानना ​​है कि अटूट प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण उपलब्धियों की ओर ले जाती है।

View Next Story