एमबीए कोर्स आजकल छात्रों के बीच में बढ़ती हुई है।
आकर्षक सैलरी और करियर स्कोप MBA को एक महत्वपूर्ण चुनौती बना देते हैं।
रेगुलर MBA में कोई भी ग्रेजुएट एडमिशन ले सकता है, और यह दो साल का होता है।
एग्जीक्यूटिव MBA के लिए 5 साल से अधिक का प्रबंधनिक काम अनिवार्य है।
एग्जीक्यूटिव MBA में दो विकल्प हैं - 12-18 महीने का फुल-टाइम रेजिडेंशियल और 24-36 महीने का नॉन-रेजिडेंशियल प्रोग्राम
दोनों MBA के बाद हाईस्ट सैलरी पैकेज आकर्षक है, 70 लाख से 1 करोड़ रुपए।
अब चुने , रेगुलर या एग्जीक्यूटिव MBA, आपके करियर के लिए कौनसा सही है?