अच्छी तैयारी और प्रैक्टिस आत्मविश्वास को बढ़ाती है।
खुद को सफल स्थिति में कल्पना करें।
वर्तमान में बने रहें, भविष्य की चिंता छोड़ें।
शब्दों से ज्यादा बॉडी लैंग्वेज प्रभावी होती है।
विफलता को फीडबैक के रूप में देखें।
कमजोरी को स्वीकार कर सीखने के लिए तैयार रहें।
श्रोताओं से जुड़ने और प्रतिक्रिया देने पर ध्यान दें।