अधिक पढ़ाई से मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव और प्रभाव हो सकता है।
हर बच्चे की पढ़ाई की क्षमता अलग होती है, अधिकतम दबाव नहीं।
बच्चे का क्लास में ध्यान केंद्रित नहीं रह सकता।
अधिक पढ़ाई से नई जानकारी को याद नहीं रख पाना।
बच्चा सामाजिक गतिविधियों में कम हिस्सा लेता है।
अधिक पढ़ाई से सोने की आदत में बदलाव हो सकता है।
अधिक पढ़ाई से वास्तविक में कम प्रगति हो सकती है।