मैथ्स में कठिन फॉर्मूला और एग्जाम्स के कारण ड्रॉप आउट रेट ज्यादा है।
प्री मेडिकल प्रोग्राम की कठिनाई और कॉम्पीटीशन से स्टूडेंट्स ड्रॉप आउट करते हैं।
इंजीनियरिंग का सिलेबस और कार्यभार स्टूडेंट्स को ड्रॉप आउट करने पर मजबूर करता है।
लंबे समय तक काम, प्रोजेक्ट की मांग और डिजाइन मानक पूरे करने का दबाव।
कानूनी अवधारणाओं की जटिलता और आलोचनात्मक चिंतन के कारण ड्रॉप आउट होते हैं।
जटिल मैथ्स और प्रोग्रामिंग चुनौतियों के कारण स्टूडेंट्स पढ़ाई छोड़ते हैं।
सीमित करियर और विषय वस्तु के कारण स्टूडेंट्स इसे बीच में छोड़ते हैं।