ये 7 बुरी आदतें बच्चों के विकास को प्रभावित करती हैं

पढ़ने का तरीका

सभी बच्चों का पढ़ाई का अपना तरीका होता है। लेकिन सिर्फ पढ़ने से कुछ नहीं होता, सही तरीके से पढ़ना जरूरी है। इसलिए जब भी आप पढ़ाई करें खुद को डिस्ट्रेक्शन वाली चीजों से दूर रखें।

पढ़ने में असमर्थता

कुछ बच्चों को पढ़ने में बहुत कठिनाई होती है। वे शब्दों को सही से पढ़ या लिख नहीं पाते साथ ही उनका व्याकरण भी कमजोर होता है। ऐसे में बच्चों को अपने उच्चारण, व्याकरण और गलतियों को सुधारने की जरूरत है।

खराब राइटिंग स्किल

कुछ बच्चों का कहना होता है कि उनका एग्जाम अच्छा गया था, लेकिन नंबर अच्छे नहीं मिले। ज्यादातर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे एग्जाम में सही ढंग से लिख नहीं पाते और एग्जाम चेक करने वाले को उनकी लिखावट समझने में परेशानी होती है।

खराब आत्मविश्वास

बच्चों का आत्मविश्वास उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। कई बार ऐसा होता है कि कक्षा में बार-बार डांट खाने के बाद बच्चों का आत्मविश्वास कमजोर पड़ता है। बच्चों का यही कमजोर आत्मविश्वास उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है।

नोट्स मैनेज न करना

ज्यादातर बच्चों को एग्जाम के समय जो सामान्य समस्या होती है वो है नोट्स न होना। कॉपी पूरी न होने के कारण बच्चे एग्जाम की तैयारी में चुक जाते हैं, इसलिए ध्यान रखें कि बच्चों कि नोट्स पूरी हो।

नजरे मिलाने से बचना

कमजोर बच्चे स्कूल में टीचर से और घर पर पेरेंट्स से नजरे मिलाने से कतराते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें डर होता है कि कोई उनके सवाल न पूछे। बच्चों को अपने शारीरिक मुद्रा पर ध्यान देने की जरूरत है।

मन की बात खुलकर न करना

बच्चों के लिए अपने मन की बात को खुलकर बोलना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि जब-तक बच्चे अपनी बात खुलकर नहीं कहेंगे तब-तक वे अपनी कमजोरियों को सुधार नहीं पाएंगे। इसलिए बच्चों से खुलकर बात करें।

View Next STory