भारत में 141 साल पहले हुआ आरक्षण का प्रारंभ, समाज में समानता की प्रेरणा।
19वीं सदी के लेखक ज्योतिराव फुले ने मुफ्त शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की।
ज्योतिबा फुले के प्रेरणास्त्रोत से हंटर आयोग की स्थापना, पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की शुरुआत।
1901 में शाहू महाराज ने महाराष्ट्र में 50% आरक्षण का पहला कदम उठाया।
1908 में अंग्रेजों ने कम हिस्सेदारी वाली जातियों को प्रशासन में आरक्षण देना शुरू किया।
1909 में भारत सरकार अधिनियम के तहत आरक्षण का प्रावधान शामिल हुआ।
1909 में अलग-अलग जाति और धर्म के आधार पर कम्यूनल अवार्ड की शुरुआत हुई।