गलती पर माफी मांगें, संकोच न करें; इससे आपकी आदर्शता दिखती है।
किसी के लिए कुछ भी करने पर धन्यवाद कहना, आपके आदर्शों को दर्शाता है।
दूसरों की आलोचना करने से बचें; उनकी परिस्थितियों को समझें।
दूसरों की छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज करें, उन्हें माफ करें।
दूसरों की परेशानियों को समझें और उनकी मदद करें।
अपनी गलतियों को स्वीकारें और सुधारें, प्रयास जारी रखें।
खुद बोलने के बजाय दूसरों को सुनें; यह एक अच्छे श्रोता की निशानी है।