बच्चों के लिए नियमित दिनचर्या तैयार करें।
छोटी उपलब्धियों की प्रशंसा करें।
बच्चे की क्षमता के हिसाब से काम दें।
बच्चे की बातों को ध्यान से सुनें।
टीचर्स से जुड़े रहें, पढ़ाई के बारे में पूछें।
बच्चे को अपने विचार स्वतंत्रता से व्यक्त करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चे के साथ संवाद में रहें, उनका मन समझें।