अपनी श्रोता की जरूरतों को समझें और अनुरूप बात करें।
श्रोता के साथ ज़ाज़बा साझा करें।
ग़लत जानकारी से बचें, सच्चाई को बताएं।
जब आप कुछ नहीं जानते, तो यह स्वीकार करें।
ध्यान से श्रोता की बातें सुनें।
श्रोता को आपसे जोड़ें।
नियमित रूप से अभ्यास करें।