पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद विज्ञान (फिजिक्स, केमिस्ट्री, और मैथमेटिक्स) से पास होना आवश्यक होता है।
सीडीएस परीक्षा को पास करने के बाद, बीए, बीएससी, बीकॉम की डिग्री वाले उम्मीदवार भारतीय वायुसेना में परमानेंट कमीशन पाने के योग्य होते हैं।
फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए एएफसीएट (AFCAT) परीक्षा देना होता है। इसके लिए उम्र 20 से 24 साल के बीच होनी चाहिए।
एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम के जरिए अविवाहित महिला और पुरुष दोनों वायुसेना में भर्ती हो सकते हैं। इसके लिए एनसीसी एयरविंग सीनियर डिवीजन सी सर्टिफिकेट होना चाहिए।
पायलट की स्टार्टिंग सैलरी भारतीय वायुसेना में 56,100 रुपये प्रति माह होती है। फ्लाइंग ऑफिसर का पे स्केल 56,100 से 1,10,700 रुपये होता है।
पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को फिजिकल फिटनेस और मेडिकल स्टैंडर्ड्स को पूरा करना होता है, क्योंकि यह एक फिजिकली और मानसिक रूप से कठिन काम होता है।
भारतीय वायुसेना में पायलट बनने के बाद, उम्मीदवारों को वायुसेना की प्रशिक्षण स्कूलों में विभिन्न प्रकार की प्रशिक्षण दी जाती है, जिसमें उनकी फ्लाइट सिम्युलेटर ट्रेनिंग भी शामिल होती है।