हार के बाद सफलता की कड़ी करीब होती है, बस धैर्य रखें।
आत्म-विकास पवित्र भूमि है, यह अद्भुत निवेश है, धैर्य बनाए रखें।
जहाँ जाएं, वहाँ अच्छा करें, लेकिन महत्वपूर्ण है कि अच्छा करें भी।
दयालुता बाँटें, स्वयं को आत्म-करुणा से सराबोर रखें।
असफलता नहीं, सफलता की ऊंचाइयों की सीख है, कभी हार मत मानें।
सच्चाई स्वीकारें, सही निर्णय नहीं हमेशा होते, विफलता सफलता का हिस्सा है।
गलतियों से नई कोशिशों का सूचीत निकलें, गलतियां सीखने का सर्वोत्तम तरीका है।