सोशल इंटरेक्शन और शौकों को संतुलित करें।
प्राथमिकता और लक्ष्य निर्धारित करें।
नवाचार और समस्या-समाधान कौशल को विकसित करें।
विफलताओं को अवसर के रूप में देखें।
आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ाएं।
असफलताओं से उबरें, चुनौतियों से जूझें।
सहानुभूति और रिश्ते में मदद करें।