2014 की रिसर्च बताती है कि पढ़ने से दिमाग के सर्किट एक्टिव होते हैं।
डॉ. रॉबर्ट फ्रीडलैंड की रिसर्च: अल्जाइमर का खतरा 2.5 गुना कम।
2009 की रिसर्च: 6 मिनट पढ़ने से तनाव 68% तक कम।
फिक्शन और सेल्फ-हेल्प किताबें डिप्रेशन से बाहर निकालती हैं।
सोने से पहले पढ़ाई करने से नींद में सुधार।
रोजाना पढ़ने वाले लोग अधिक खुश और संतुष्ट रहते हैं।
पढ़ने से दिमाग का नेटवर्क मजबूत होता है।