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भारत में मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव: 10,650 नए MBBS सीटों की स्वीकृति

भारत में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी। यह निर्णय छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखते हैं। इसके साथ ही, 41 नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति और PG सीटों में 5,000 की वृद्धि की योजना है। यह पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करेगी। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में अधिक जानकारी।
 
भारत में मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव: 10,650 नए MBBS सीटों की स्वीकृति

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2024 पर किए गए वादे के अनुसार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने भारत में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। NMC ने 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी है। यह निर्णय इस वर्ष और अगले वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद होगा।


नए मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि

41 नए मेडिकल कॉलेज जोड़े गए
NMC के प्रमुख डॉ. अभिजात शेख ने बताया कि 41 नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति के साथ, देश में मेडिकल संस्थानों की कुल संख्या 816 हो गई है। 170 आवेदन पत्रों में से 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 41 सरकारी और 129 निजी संस्थानों के आवेदन शामिल हैं। इसके साथ, 2024-25 सत्र के लिए MBBS सीटों की कुल संख्या 137,600 हो जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INI) की सीटें भी शामिल हैं।


PG सीटों में भी वृद्धि

PG सीटों में 5,000 की वृद्धि
NMC को स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों के लिए भी कई आवेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग ने 3,500 नए और नवीनीकरण आवेदन प्राप्त किए हैं। NMC का अनुमान है कि लगभग 5,000 नए PG सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे PG सीटों की कुल संख्या 67,000 हो जाएगी। इस वर्ष UG और PG सीटों में लगभग 15,000 की वृद्धि होगी।


चिकित्सा अनुसंधान को भी मिलेगा बढ़ावा

चिकित्सा अनुसंधान में सुधार
डॉ. शेख ने यह भी बताया कि इस बार मेडिकल असेसमेंट और रेटिंग बोर्ड (MARB) के निर्णयों के खिलाफ सभी अपीलों का समाधान बिना किसी अदालत की मध्यस्थता के किया गया। इसके अलावा, NMC अब चिकित्सा पाठ्यक्रम में नैदानिक अनुसंधान को शामिल करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ सहयोग की योजना बनाई जा रही है।


स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

यह पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करेगी। यह देश में डॉक्टरों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा देगी।