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बिहार बोर्ड ने दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में डिजिटल बदलाव किया

बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की घोषणा की है। यह नया सिस्टम 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, जिससे छात्रों और संस्थानों को सत्यापन के लिए अब भौतिक रूप से कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में तेजी, पारदर्शिता और सुविधा का वादा किया गया है। नए दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली (DVS) के माध्यम से, सभी आवश्यक दस्तावेज़ों का सत्यापन डिजिटल रूप से किया जाएगा, जिससे समय की बचत होगी और कागजी कार्रवाई में कमी आएगी।
 
बिहार बोर्ड ने दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में डिजिटल बदलाव किया

बिहार बोर्ड की नई दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया


बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (BSEB) ने कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण सुधार किया है। नए नियमों के तहत, अब दस्तावेज़ सत्यापन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे बोर्ड कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जाने, डाक संचार और लंबी प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।


क्या बदला है बिहार बोर्ड दस्तावेज़ सत्यापन में?

पहले, बिहार बोर्ड द्वारा जारी मार्कशीट, प्रमाणपत्र और अन्य शैक्षणिक दस्तावेज़ों का सत्यापन ऑफ़लाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता था। संस्थानों को आवेदन पत्र डाक द्वारा भेजने, मांग पत्र संलग्न करने और सत्यापन पूरा होने के लिए हफ्तों या महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। छात्रों को अक्सर बार-बार फॉलो-अप करना पड़ता था, कभी-कभी उन्हें पटना में बोर्ड कार्यालय भी जाना पड़ता था।


नए नियम के साथ, यह पूरा प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है। सत्यापन अनुरोध अब एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से प्रस्तुत, संसाधित और ट्रैक किए जाएंगे, जिससे प्रणाली तेज, सरल और अधिक पारदर्शी हो जाएगी।


नए दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली (DVS) का परिचय

इस परिवर्तन का समर्थन करने के लिए, BSEB ने एक समर्पित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है जिसे दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली (DVS) कहा जाता है। इस प्रणाली के माध्यम से निम्नलिखित दस्तावेज़ों का सत्यापन अब ऑनलाइन किया जाएगा:


  • मैट्रिक (कक्षा 10)
  • इंटरमीडिएट (कक्षा 12)
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET)
  • D.El.Ed
  • अन्य बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाएँ


इस सेवा के लिए आधिकारिक पोर्टल है verification.biharboardonline.com। 1 जनवरी 2026 से, डाक या मांग पत्र के माध्यम से भेजे गए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस प्रणाली का औपचारिक उद्घाटन बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर द्वारा किया गया।


कौन इस ऑनलाइन सत्यापन सुविधा का उपयोग कर सकता है?

नई ऑनलाइन सत्यापन प्रणाली मुख्य रूप से उन संस्थानों के लिए डिज़ाइन की गई है जिन्हें बिहार बोर्ड के दस्तावेज़ों का सत्यापन करने की आवश्यकता होती है। इनमें शामिल हैं:


  • सरकारी विभाग
  • निजी और गैर-सरकारी संगठन
  • बिहार और अन्य राज्यों के शैक्षणिक संस्थान
  • विदेशी विश्वविद्यालय और कंपनियाँ
  • भर्ती एजेंसियाँ और नियोक्ता


ये संस्थान अक्सर प्रवेश, नौकरियों या आधिकारिक नियुक्तियों के लिए सत्यापन की आवश्यकता रखते हैं, और नई प्रणाली उनके कार्यभार और देरी को काफी कम कर देगी।


संस्थानों के लिए चरण-दर-चरण प्रक्रिया

सभी संस्थानों को DVS पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना होगा। प्रक्रिया इस प्रकार है:


  1. संस्थान पंजीकरण: संस्थानों को पहले पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा, जिसमें उन्हें अपना पूरा पता, प्रकार (सरकारी, निजी, आदि) और अन्य आवश्यक विवरण प्रदान करने होंगे।
  2. लॉगिन एक्सेस: सफल पंजीकरण के बाद, संस्थानों को सिस्टम में लॉग इन करने के लिए एक उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. छात्र विवरण अपलोड करें: संस्थानों को उन छात्रों की संख्या अपलोड करनी होगी जिनके दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाना है।
  4. ऑनलाइन शुल्क भुगतान: सॉफ़्टवेयर स्वचालित रूप से अनुरोध की श्रेणी के आधार पर सत्यापन शुल्क की गणना करेगा। भुगतान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाना चाहिए।
  5. सत्यापन प्रक्रिया शुरू होती है: एक बार शुल्क का भुगतान हो जाने पर, सत्यापन प्रक्रिया स्वचालित रूप से शुरू हो जाएगी। प्रणाली आवेदन को उचित अधिकारी या विभाग के पास बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के भेज देगी।


नई प्रणाली के प्रमुख लाभ

नई सत्यापन प्रक्रिया छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करती है:


  • समय की बचत: जो कार्य पहले महीनों में पूरे होते थे, अब कुछ दिनों में पूरे होंगे।
  • कोई भौतिक दौरा नहीं: संस्थानों और छात्रों को अब पटना में बोर्ड कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • पूर्ण पारदर्शिता: ऑनलाइन ट्रैकिंग भ्रम को कम करेगी और दुरुपयोग या भ्रष्टाचार की संभावनाओं को समाप्त करेगी।
  • डिजिटल रिकॉर्ड: सभी सत्यापन अनुरोध सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जाएंगे और ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
  • कागजी कार्रवाई में कमी: कोई डाक देरी, ड्राफ्ट या मैनुअल फ़ाइलें शामिल नहीं होंगी।


नई प्रणाली से संबंधित सहायता या प्रश्नों के लिए, संस्थान बिहार बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं bsebdvs2025@gmail.com


छात्रों के लिए इसका क्या मतलब है?

बिहार बोर्ड से पास हुए छात्रों के लिए, यह परिवर्तन बड़ी सुविधा लाता है। उन्हें अब नौकरियों या उच्च शिक्षा के लिए सत्यापन अनुरोधों के लिए व्यक्तिगत रूप से दौड़ने की आवश्यकता नहीं होगी। संस्थान सीधे ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से सत्यापन प्रक्रिया को संभालेंगे, और छात्रों को केवल आवश्यकतानुसार अपने बुनियादी विवरण प्रदान करने होंगे।


यह सुधार बिहार बोर्ड के प्रमाणपत्रों को देश और विदेश में अधिक आसानी से सत्यापित करने की उम्मीद करता है, जिससे विश्वसनीयता और दक्षता बढ़ेगी।


डिजिटल शिक्षा सेवाओं की दिशा में एक बड़ा कदम

ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली का शुभारंभ बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह व्यापक डिजिटल इंडिया पहल के साथ मेल खाता है और बोर्ड की शिक्षा से संबंधित सेवाओं को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


संस्थानों को सलाह दी गई है कि वे पोर्टल पर जल्द से जल्द पंजीकरण पूरा करें ताकि 1 जनवरी 2026 के बाद किसी भी असुविधा से बचा जा सके। इस कदम के साथ, BSEB ने सुनिश्चित किया है कि दस्तावेज़ सत्यापन तेज, साफ और अधिक विश्वसनीय हो—छात्रों, संस्थानों और नियोक्ताओं के लिए लाभकारी।