दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्तियों पर जोर और नए मेडिकल पाठ्यक्रमों की शुरुआत
दिल्ली विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण बैठक
दिल्ली विश्वविद्यालय: दिल्ली विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की बैठक, जिसमें कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अध्यक्षता की, में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शिक्षण गुणवत्ता में सुधार और स्थायी नियुक्तियों को बढ़ावा देना था। कुलपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय और इसके संबद्ध कॉलेजों को नियमित रूप से स्थायी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को तेज करना चाहिए, न कि अस्थायी शिक्षकों पर निर्भर रहना चाहिए। इसके साथ ही, 9 नए चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया।
शिक्षकों के लिए स्थिरता और गुणवत्ता में सुधार
दिल्ली विश्वविद्यालय का यह निर्णय न केवल शिक्षकों को स्थिरता प्रदान करेगा, बल्कि शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। परिषद ने चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और संकाय विकास से संबंधित कई एजेंडों को भी मंजूरी दी। चिकित्सा पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ, पीएचडी शोधकर्ताओं के लिए पाठ्यक्रम पैटर्न में एकरूपता लाने के लिए नए दिशानिर्देश लागू करने पर सहमति बनी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में पेपर प्रस्तुत करने वाले संकाय सदस्यों के लिए यात्रा अनुदान के नियम भी सख्त किए गए।
स्थायी नियुक्तियों पर कुलपति का जोर
‘जीरो आवर’ के दौरान, कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अतिथि और अस्थायी शिक्षकों के मुद्दे पर अपनी प्राथमिकता स्पष्ट की। उन्होंने कॉलेजों को नियमित रूप से स्थायी पदों के लिए भर्ती करने और साल में कम से कम दो बार शैक्षणिक नियुक्तियों का प्रयास करने का निर्देश दिया। जिन कॉलेजों को अवसंरचना में सुधार की आवश्यकता थी, उन्हें तुरंत HEFA (उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी) से धन के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया। सभी कॉलेजों को खेल सुविधाओं में सुधार के लिए खेल कोचों की नियुक्ति करने के लिए भी कहा गया।
उत्तर रेलवे अस्पताल में 9 नए PG चिकित्सा पाठ्यक्रम
दिल्ली विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद ने भारतीय रेलवे स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान (IRPGIMSR) में 9 नए स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों की शुरुआत को हरी झंडी दी है। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि ये चिकित्सा पाठ्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित किए गए हैं। हालांकि, इनकी शुरुआत राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की मंजूरी पर निर्भर करेगी। नए चिकित्सा पाठ्यक्रम और उनकी सीटों की जानकारी नीचे दी गई है:
एनस्थीसिया: 4 सीटें
जनरल मेडिसिन: 4 सीटें
जनरल सर्जरी: 4 सीटें
ऑफ्थल्मोलॉजी: 4 सीटें
ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी: 2 सीटें
पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए नए दिशानिर्देश
दिल्ली विश्वविद्यालय ने विभिन्न विभागों में पीएचडी पाठ्यक्रम के पैटर्न में भिन्नताओं को समाप्त करने के लिए नए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है। रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता के अनुसार, अब पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए कुल 12 से 16 क्रेडिट अनिवार्य होंगे। इन नए दिशानिर्देशों का एक प्रमुख पहलू यह है कि पाठ्यक्रम के लिए शिक्षण घंटे अब संकाय कार्यभार में शामिल किए जाएंगे।
पाठ्यक्रम में शामिल विषय और क्रेडिट:
अनुसंधान पद्धति और उन्नत अनुसंधान पद्धति: 4 क्रेडिट
अनुसंधान प्रकाशन नैतिकता: 2 क्रेडिट
अनुसंधान उपकरण: 2 क्रेडिट
विषय-विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम: 4 क्रेडिट
विशेषीकृत क्षेत्र के लिए आवश्यक 4 अतिरिक्त क्रेडिट
फैकल्टी यात्रा अनुदान के नियम
दिल्ली विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में पेपर प्रस्तुत करने वाले संकाय सदस्यों के लिए यात्रा अनुदान की प्रक्रिया को भी सख्त किया है। यह अनुदान अब केवल उन संकाय सदस्यों को दिया जाएगा जो शीर्ष 500 QS/top 500 THE विश्व रैंकिंग या शीर्ष 100 NIRF रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों में पेपर प्रस्तुत करते हैं। इसके अतिरिक्त, जिन सम्मेलनों की कार्यवाही स्कोपस या वेब ऑफ साइंस में सूचीबद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित होती है, उन्हें भी मान्यता दी जाएगी।
