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झारखंड में ठंड के कारण स्कूलों में अवकाश की मांग

झारखंड में अत्यधिक ठंड और शीतलहर के कारण अभिभावक स्कूलों में छुट्टी की मांग कर रहे हैं। बच्चों की सेहत को लेकर चिंता जताते हुए, पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से तात्कालिक कदम उठाने की अपील की है। रांची में तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे बच्चों को सुबह स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राहत की संभावना नहीं जताई है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
 
झारखंड में ठंड के कारण स्कूलों में अवकाश की मांग

भीषण ठंड से प्रभावित झारखंड


झारखंड वर्तमान में अत्यधिक ठंड और शीतलहर का सामना कर रहा है। सुबह और शाम के समय ठंड इतनी अधिक है कि यह सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर रही है। इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित स्कूली बच्चे हैं, जिन्हें हर सुबह ठंड और कोहरे में स्कूल जाना पड़ता है। इस परिप्रेक्ष्य में, अभिभावक अब स्कूलों में छुट्टी की मांग कर रहे हैं।


अभिभावकों की चिंता

झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने बच्चों की सेहत को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन से तात्कालिक कदम उठाने की अपील की है। एसोसिएशन का कहना है कि इस मौसम में स्कूल जाना बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों पर ठंड का प्रभाव अधिक पड़ रहा है।


स्कूल बंद करने की मांग

झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने रांची के उपायुक्त को ईमेल भेजकर सभी स्कूलों में कुछ दिनों के लिए अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।


तापमान की स्थिति

एसोसिएशन के अनुसार, रांची में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, लोहरदगा में तापमान 3.0 डिग्री, गुमला में 5.2 डिग्री और गढ़वा में 4.7 डिग्री तक पहुंच गया है। इतनी ठंड में सुबह स्कूल जाना बच्चों के लिए कठिनाई भरा हो रहा है।


मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है। घना कोहरा और शीतलहर बनी रहेगी। ऐसे में सुबह स्कूल खुलना बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


बच्चों की सेहत पर खतरा

सुबह सात बजे भीषण ठंड में बच्चों को स्कूल बस से जाना पड़ता है। दोपहर में लौटते समय भी ठंड कम नहीं होती। छोटे बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं बढ़ने का खतरा है।


सरकार से अपेक्षाएँ

अभिभावकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि शिक्षा विभाग को स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जल्द निर्णय लेना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में अवकाश या समय में बदलाव आवश्यक है।