Logo Naukrinama

B.Ed. डिग्री के नियम: प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बदलाव

सर्वोच्च न्यायालय ने B.Ed. धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया है, जिससे लाखों युवाओं के सपनों को झटका लगा है। नई शिक्षा नीति के तहत, B.Ed. डिग्री को ITEP पाठ्यक्रम से बदला जाएगा, जो स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण को एक साथ प्रदान करेगा। जानें TGT और PGT के लिए नियम, ITEP की पात्रता, पाठ्यक्रम की अवधि और फीस के बारे में। इस लेख में ITEP के लाभों पर भी चर्चा की गई है, जो छात्रों को आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों में प्रशिक्षित करेगा।
 
B.Ed. डिग्री के नियम: प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बदलाव

B.Ed. डिग्री के नियम



यदि आप सोचते हैं कि B.Ed. डिग्री से सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनना आसान होगा, तो रुकिए! सर्वोच्च न्यायालय ने प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती से B.Ed. धारकों को बाहर कर दिया है। इस निर्णय के बाद, B.Ed. डिग्री वाले उम्मीदवार छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए अयोग्य हो गए हैं। आइए, TGT और PGT शिक्षक भर्ती के नियमों पर एक नज़र डालते हैं।


B.Ed. डिग्री का नया विकल्प

यह निर्णय उन लाखों युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो शिक्षक बनने का सपना देखते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि B.Ed. धारक प्राथमिक शिक्षक (PRT) भर्ती प्रक्रिया के लिए योग्य नहीं होंगे। ये बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के आधार पर किए गए हैं। B.Ed. के स्थान पर एक नया पाठ्यक्रम लाया जाएगा। NCTE ने ITEP के लिए नियम बनाए हैं।


ITEP: B.Ed. का नया पाठ्यक्रम

नई शिक्षा नीति के तहत, B.Ed. डिग्री को एक एकीकृत कार्यक्रम से बदला जाएगा। ITEP, या इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम, एक नया चार वर्षीय पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण एक साथ दिया जाता है। जो छात्र इस पाठ्यक्रम को पूरा करते हैं, वे प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक पढ़ाने के लिए सीधे योग्य होते हैं।


TGT और PGT के लिए नियम

TGT (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और PGT (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के लिए भर्ती नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। TGT के लिए, उम्मीदवार के पास B.Ed. डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री होनी चाहिए, जबकि PGT के लिए B.Ed. डिग्री के साथ मास्टर डिग्री अनिवार्य है। इसका मतलब है कि TGT और PGT पदों के लिए B.Ed. धारकों के लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन PRT पदों के लिए नहीं।


ITEP के लिए पात्रता

ITEP पाठ्यक्रम के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए, छात्रों को मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास करनी होगी और न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने होंगे। सभी तीन धाराओं – कला, विज्ञान और वाणिज्य – के छात्र आवेदन कर सकते हैं।


PTET और ITEP पाठ्यक्रम की अवधि

PTET, या प्री-टीचर एजुकेशन टेस्ट, एक परीक्षा है, न कि पाठ्यक्रम। यह परीक्षा B.Ed. या ITEP जैसे शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ली जाती है। B.Ed. पाठ्यक्रम आमतौर पर दो साल का होता है, जबकि ITEP चार साल का है।


ITEP पाठ्यक्रम चार साल का होता है। छात्रों को स्नातक के साथ-साथ पूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे PRT या TGT पद के लिए योग्य हो जाते हैं।


ITEP पाठ्यक्रम की फीस

ITEP पाठ्यक्रम की फीस विश्वविद्यालय के अनुसार भिन्न होती है। सरकारी कॉलेजों में, फीस लगभग 25,000 से 50,000 रुपये प्रति वर्ष होती है, जबकि निजी विश्वविद्यालयों में यह 80,000 से 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष हो सकती है।


ITEP के लाभ

ITEP पाठ्यक्रम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि छात्र स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण दोनों को एक साथ करते हैं। यह पाठ्यक्रम समय और लागत दोनों की बचत करता है। इसके अलावा, छात्रों को आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों, मूल्य शिक्षा और बाल मनोविज्ञान में गहन प्रशिक्षण दिया जाता है।