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12वीं के बाद सही डिग्री कोर्स का चयन कैसे करें?

12वीं कक्षा के बाद करियर की दिशा तय करने के लिए सही डिग्री कोर्स का चयन करना आवश्यक है। इस लेख में, हम 4 वर्षीय स्नातक कोर्स और 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स के बीच के अंतर को समझाते हैं। जानें कि कौन सा कोर्स आपके लिए अधिक लाभकारी हो सकता है और कैसे एकीकृत कोर्स में दाखिला लेने से समय की बचत होती है।
 
12वीं के बाद सही डिग्री कोर्स का चयन कैसे करें?

12वीं के बाद करियर की उड़ान



करियर की सही दिशा 12वीं कक्षा के बाद ही तय होती है। इसलिए, 12वीं के बाद सही डिग्री कोर्स का चयन करना महत्वपूर्ण है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक समय में, 10वीं कक्षा पास करने के बाद यह तय करना बेहतर होता है कि 12वीं के बाद कौन सा कोर्स करना है। इस लेख में, हम 12वीं के बाद उपलब्ध कुछ कोर्सों की जानकारी साझा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, क्या 4 वर्षीय स्नातक कोर्स चुनना सही है या 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स में दाखिला लेना बेहतर होगा, इस पर चर्चा करते हैं।


4 वर्षीय स्नातक कोर्स

12वीं के बाद पारंपरिक कोर्स में 3 वर्षीय स्नातक डिग्री होती थी। पहले छात्र 3 वर्षीय बी.एससी., बी.कॉम., और बी.ए. जैसे कोर्सों में दाखिला लेते थे। लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद, देशभर में 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शुरू किया गया है। कई विश्वविद्यालयों ने पहले ही इसे लागू कर दिया है, जबकि अन्य जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। संक्षेप में, 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम जल्द ही देशभर में सामान्य हो जाएगा।


5 वर्षीय एकीकृत कोर्स

5 वर्षीय एकीकृत कोर्स की बात करें तो, यह कोर्स छात्रों को एक ही प्रवेश में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्री पूरी करने की अनुमति देता है। खास बात यह है कि यदि छात्र 12वीं के बाद एकीकृत कोर्स में दाखिला लेते हैं, तो उन्हें 5 वर्षों में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त होगी।


4 वर्षीय स्नातक और 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स में अंतर

4 वर्षीय स्नातक और 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स के बीच कई अंतर हैं। 4 वर्षीय स्नातक कोर्स चार वर्षों की पढ़ाई के बाद स्नातक डिग्री प्रदान करता है, इसके बाद 2 वर्षीय स्नातकोत्तर। जबकि 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स स्नातक और स्नातकोत्तर को मिलाकर एक वर्ष की बचत करता है।


4 वर्षीय स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के लिए दो बार दाखिले की आवश्यकता होती है, जबकि 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स में 12वीं के बाद एक बार ही दाखिला लेना होता है। स्नातकोत्तर के लिए कोई और दाखिला नहीं लेना पड़ता।


4 वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र अपनी पसंद के विषय में स्नातकोत्तर कोर्स कर सकते हैं, लेकिन यह सुविधा 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स में उपलब्ध नहीं है।