भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नई पहल: पीएचडी कार्यक्रम की योजना

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नई संभावनाएं
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को बताया कि सरकार एक पीएचडी कार्यक्रम पर काम कर रही है, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मिशन को बुनियादी अनुसंधान के लिए वित्त पोषण मिल सकेगा।
"यह हमारे लिए और आईटी उद्योग के लिए नए अवसर लाएगा, जो एक महत्वपूर्ण संक्रमण काल से गुजरने वाला है," मंत्री ने AI पर केंद्रित एक कार्यक्रम में कहा।
"हमें इस संक्रमण को एक अवसर के रूप में पकड़ना चाहिए, न कि इससे बाधित होना चाहिए, क्योंकि जब भी इतनी बड़ी तकनीकी परिवर्तन होती है, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उद्योग, सरकार और प्रतिभा विकास पारिस्थितिकी तंत्र सभी मिलकर काम करें ताकि हम बदलते समय के लिए तैयार हो सकें," उन्होंने जोड़ा।
AI का प्रभाव और तकनीकी लोकतंत्रीकरण
मंत्री ने AI की संभावनाओं पर बात करते हुए कहा कि AI अपने आप में बहुत मायने नहीं रखता, लेकिन जब इसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाता है, तो यह जनसंख्या स्तर पर समस्याओं को हल करने में बड़ा अंतर ला सकता है।
उन्होंने कहा, "सरकार का ध्यान तकनीक के लोकतंत्रीकरण पर है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि तकनीक कुछ लोगों के हाथों में न रहे।"
उन्होंने बताया कि लगभग 19,000 GPUs पहले ही तैनात किए जा चुके हैं और दूसरे चरण में 16,000 GPUs और जोड़े जा सकते हैं, जिससे कुल संख्या 34,000 GPUs हो जाएगी।
भारत का AI मॉडल और भविष्य की योजनाएं
"यह एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण संख्या है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है," मंत्री वैष्णव ने कहा।
"तीसरा चरण भी जल्द ही पूरा होगा, जिससे और GPUs मिलेंगे। पहले हम चिंतित थे कि क्या भारत इस तरह की कंप्यूटिंग सुविधाएं प्राप्त कर पाएगा, लेकिन अब ये चिंताएं समाप्त हो गई हैं।"
मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि भारत जल्द ही अपना पहला बुनियादी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल पेश करेगा।
सरकार भारतीय सर्वरों पर एक ओपन-सोर्स मॉडल की मेज़बानी करने जा रही है। यह तब हो रहा है जब चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने AI की दुनिया में चुनौती दी है।
भारत तेजी से अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए एक मजबूत AI कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर बुनियादी ढांचा बना रहा है।
AI मिशन का वित्तीय समर्थन
2024 में IndiaAI मिशन की स्वीकृति के साथ, सरकार ने AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए पांच वर्षों में 10,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इस मिशन का एक प्रमुख ध्यान उच्च गुणवत्ता की सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा का विकास है।
AI एक तकनीक के रूप में अभी शुरू हुआ है, और भविष्य में जो नवाचार देखने को मिलेंगे, वे अद्भुत होंगे।