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ब्रिटेन ने वीज़ा नियमों में बदलाव किया, नई अंग्रेजी परीक्षा अनिवार्य

ब्रिटिश सरकार ने वीज़ा नियमों को सख्त करते हुए कुशल वीज़ा आवेदकों के लिए एक नई अंग्रेजी भाषा परीक्षा अनिवार्य कर दी है। यह परीक्षा 8 जनवरी, 2026 से लागू होगी और आवेदकों को 12वीं कक्षा के स्तर के बराबर, बी2-स्तरीय परीक्षा पास करनी होगी। गृह कार्यालय का मानना है कि यह कदम यूके में आने वाले लोगों को यहाँ के जीवन में समायोजित होने में मदद करेगा। इसके अलावा, छात्र वीज़ा के लिए वित्तीय आवश्यकताएँ भी बढ़ाई गई हैं। जानें इस बदलाव का भारत के छात्रों और पेशेवरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 
ब्रिटेन ने वीज़ा नियमों में बदलाव किया, नई अंग्रेजी परीक्षा अनिवार्य

ब्रिटेन के नए वीज़ा नियम



यदि आप यूके में वीज़ा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए चिंताजनक हो सकती है। ब्रिटिश सरकार ने आव्रजन को नियंत्रित करने के लिए वीज़ा नियमों को सख्त कर दिया है। नए नियमों के अनुसार, कुशल वीज़ा आवेदकों को एक नई अंग्रेजी भाषा परीक्षा पास करनी होगी। यह नियम ब्रिटिश संसद में पेश किया गया है और इसे मंजूरी मिल चुकी है। ये नियम भारत सहित सभी देशों के नागरिकों पर लागू होंगे।


नई अंग्रेजी परीक्षा की जानकारी

रिपोर्टों के अनुसार, 8 जनवरी, 2026 से कुशल और छात्र वीज़ा आवेदकों के लिए "सुरक्षित अंग्रेजी भाषा परीक्षा" पास करना अनिवार्य होगा। यह परीक्षा गृह कार्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त प्रदाता द्वारा आयोजित की जाएगी और वीज़ा प्रक्रिया के दौरान इसकी पुष्टि की जाएगी। आवेदकों को अंग्रेजी बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने में सक्षम होना आवश्यक है। इसके लिए, उन्हें 12वीं कक्षा के स्तर के बराबर, बी2-स्तरीय परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।


गृह कार्यालय की प्रतिक्रिया

यूके गृह कार्यालय का कहना है कि ये नए नियम यूके में आने वाले लोगों को यहाँ के जीवन में समायोजित होने में मदद करेंगे। गृह सचिव शबाना महमूद ने कहा कि हमारा देश उन लोगों का स्वागत करता है जो योगदान देने के इच्छुक हैं, लेकिन बिना अंग्रेजी सीखे आना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई ब्रिटेन आना चाहता है, तो उसे भाषा सीखनी होगी और निर्धारित बी2-स्तरीय परीक्षा पास करनी होगी।


आव्रजन श्वेत पत्र के तहत बदलाव

ये परिवर्तन मई में जारी 'आव्रजन श्वेत पत्र' का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य वीज़ा प्रणाली को और सख्त करना है। संसद में एक ब्रिटिश मंत्रिस्तरीय वक्तव्य में कहा गया है कि इन परीक्षाओं से कुशल श्रमिकों के लिए एकीकरण में वृद्धि होगी। ये बदलाव ग्रेजुएट रूट वीज़ा पर सैकड़ों भारतीय छात्रों को प्रभावित करेंगे। पढ़ाई के बाद नौकरी खोजने की अवधि को दो साल से घटाकर 18 महीने कर दिया जाएगा, जो 1 जनवरी, 2027 से लागू होगा। हालांकि, पीएचडी स्नातकों को तीन साल की छूट मिलेगी।


छात्र वीज़ा के लिए वित्तीय आवश्यकताएँ

शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से, आवेदकों को लंदन में £1,483 प्रति माह के बजाय £1,529 प्रति माह और अन्य क्षेत्रों में £1,136 प्रति माह के बजाय £1,171 प्रति माह की मासिक आय दिखानी होगी। यह स्व-सहायता के लिए आवश्यक है। इमिग्रेशन स्किल्स चार्ज (ISC) में भी 32% की वृद्धि होगी। यह कर ब्रिटेन के नियोक्ताओं द्वारा स्थानीय कार्यबल के प्रशिक्षण के लिए दिया जाता है। छोटे या धर्मार्थ संगठनों को £364 के बजाय £480 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष का भुगतान करना होगा, जबकि मध्यम से बड़े संगठनों को £1,000 के बजाय £1,320 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष का भुगतान करना होगा।


स्थानीय सेवाओं पर प्रभाव

इन उपायों को आव्रजन को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जा रहा है। ब्रिटेन में विदेशी श्रमिकों और छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही थी, जिससे स्थानीय नौकरियों और सेवाओं पर दबाव बढ़ रहा था। सरकार का लक्ष्य केवल योग्य व्यक्तियों को ही ब्रिटेन में प्रवेश की अनुमति देना है। इस निर्णय से भारत के हजारों पेशेवर और छात्र प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि बी2 स्तर की परीक्षा आईईएलटीएस से अधिक कठिन होगी।