ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भर्ती पर रोक लगाई

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर बड़ा संकट
ट्रंप प्रशासन ने एक विवादास्पद कदम उठाते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भर्ती करने की अनुमति को रद्द कर दिया है। इससे लगभग 6,800 विदेशी छात्रों का कानूनी दर्जा खतरे में पड़ गया है।
सुरक्षा सचिव का आरोप
होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोम ने आरोप लगाया कि हार्वर्ड ने संघीय अनुरोधों का पालन नहीं किया और यह एक 'असुरक्षित परिसर वातावरण' को बढ़ावा दे रहा है।
हार्वर्ड की स्थिति
हार्वर्ड का स्टूडेंट और एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत प्रमाणन रद्द कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि विश्वविद्यालय अब नए विदेशी छात्रों को नहीं ले सकता। वर्तमान में अध्ययन कर रहे छात्रों को अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होना होगा।
राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा
यह निर्णय ट्रंप प्रशासन और अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के बीच चल रहे राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा है। हार्वर्ड ने इस कदम को 'गैरकानूनी' बताया है।
कार्रवाई का कारण
नोम के अनुसार, हार्वर्ड ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बारे में आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने में विफलता दिखाई। उन्होंने अन्य विश्वविद्यालयों को भी चेतावनी दी है।
हार्वर्ड का प्रतिरोध
हार्वर्ड ने कहा है कि उसने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और इस कदम को एक 'गंभीर वृद्धि' के रूप में देखा है।
छात्रों की चिंता
इस निर्णय ने हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी है। छात्रों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है।
आर्थिक और शैक्षणिक प्रभाव
इस निर्णय से न केवल आव्रजन संबंधी चिंताएं हैं, बल्कि यह आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है।
प्रतिशोध का एक बड़ा पैटर्न?
यह विकास ट्रंप प्रशासन और शैक्षणिक संस्थानों के बीच कई टकरावों के बीच आया है।