टेक कंपनियों में नौकरी बदलने की प्रवृत्ति बढ़ी, कर्मचारी मानसिक शांति की तलाश में
नई दिल्ली में नौकरी छोड़ने की नई प्रवृत्तियाँ
नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी कंपनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के कारण छंटनी का सिलसिला जारी है। TCS, Intel, Apple, और Amazon जैसी प्रमुख कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं। इस बीच, एक नई प्रवृत्ति भी उभर रही है, जिसमें कर्मचारी अब एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने की इच्छा नहीं रखते। हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि नौकरी छोड़ने का निर्णय केवल उच्च वेतन की चाह से नहीं हो रहा है।
कर्मचारी अब मानसिक स्वास्थ्य, लचीले कार्य मॉडल, और बेहतर टीम सहयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि नौकरी बदलना अब मजबूरी से अधिक पसंद बनता जा रहा है।
नौकरी बदलने की तैयारी रिकॉर्ड स्तर पर
ग्रेट प्लेस टू वर्क द्वारा की गई एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 62% कर्मचारी नए अवसरों की तलाश में हैं। इनमें से 70% ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उन्हें सही विकल्प मिलता है, तो वे एक साल से भी कम समय में अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ देंगे। यह आंकड़ा इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि पहले कर्मचारी स्थिरता को प्राथमिकता देते थे, लेकिन अब उनकी सोच में बदलाव आ रहा है।
कुछ ही लोग टिके रहना चाहते हैं
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि केवल 26% कर्मचारी एक साल से अधिक समय तक अपनी वर्तमान भूमिका में बने रहना चाहते हैं। 4% लोग अभी तक किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं, जबकि 70% कर्मचारी बदलाव के लिए तैयार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तेजी से बदलते बाजार और नई कौशलों की मांग ने कर्मचारियों को यह विश्वास दिलाया है कि नई शुरुआत करना कठिन नहीं, बल्कि आवश्यक हो सकता है।
हेल्थ और फार्मा सेक्टर में बदलाव की लहर
हेल्थकेयर, बायोटेक, और फार्मा सेक्टर में 81% कर्मचारी एक साल के भीतर नौकरी बदलने के मूड में हैं। इस बदलाव में युवा पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक है। इन क्षेत्रों में काम का दबाव, शिफ्ट सिस्टम, और मानसिक थकान प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। यही वजह है कि कर्मचारी जल्दी बदलाव को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि वे बेहतर कार्य वातावरण में काम कर सकें।
नई पीढ़ी के साहसी फैसले
अध्ययन में 76% जेन Z और 68% मिलेनियल्स ने स्वीकार किया कि वे 12 महीनों के भीतर नौकरी बदल सकते हैं। यह पीढ़ी काम में उद्देश्य, सम्मान, और स्वतंत्रता को अधिक महत्व देती है। वे ऐसी कंपनियों की तलाश में हैं जहाँ उनकी आवाज सुनी जाए और निर्णयों में भागीदारी मिले। हालांकि वेतन महत्वपूर्ण है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं रह गया है। कार्य में संतोष सबसे बड़ा कारक बन रहा है।
वर्क-कल्चर का महत्व
लगभग 66% कर्मचारियों ने कहा कि वे सकारात्मक कार्य संस्कृति, लचीलापन, और संतुलित जीवन की चाह में नौकरी छोड़ सकते हैं, भले ही वेतन कम हो। कार्य-जीवन संतुलन बिगड़ना, प्रबंधन से संवाद की कमी, और बढ़ता तनाव बदलाव के मुख्य कारण हैं। वरिष्ठ कर्मचारी भी इसी बदलाव की दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं, जो इस प्रवृत्ति को और मजबूत करता है।
