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जीवन यात्रा: गोपीचंद हिंदुजा का योगदान और विरासत

गोपीचंद हिंदुजा, हिंदुजा समूह के अध्यक्ष, का हाल ही में निधन हो गया। उनकी जीवन यात्रा ने उन्हें ब्रिटेन का सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया। जानें उनके परिवार, करियर, शिक्षा और हिंदुजा समूह की सफलता की कहानी। यह लेख उनके अद्वितीय योगदान और विरासत पर प्रकाश डालता है।
 
जीवन यात्रा: गोपीचंद हिंदुजा का योगदान और विरासत

गोपीचंद हिंदुजा की जीवन कहानी

प्रसिद्ध उद्योगपति और हिंदुजा समूह के अध्यक्ष गोपीचंद पी हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह हिंदुजा भाइयों में दूसरे सबसे बड़े थे और अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद समूह की कमान संभाली। व्यवसायिक जगत में जीपी हिंदुजा के नाम से मशहूर, उन्होंने परिवार के व्यवसाय को एक वैश्विक शक्ति में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानिए गोपीचंद हिंदुजा की शिक्षा, करियर, परिवार, संपत्ति और उनकी अद्वितीय यात्रा के बारे में, जिसने उन्हें ब्रिटेन का सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया।


गोपीचंद पी हिंदुजा का परिवार

गोपीचंद हिंदुजा अपनी पत्नी सुनीता, बेटों संजय और धीरज, और बेटी रीता के साथ जीवित हैं। इस वर्ष, द संडे टाइम्स रिच लिस्ट 2024 ने गोपीचंद और उनके परिवार को ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार घोषित किया। यह खिताब उन्होंने कई बार पहले भी हासिल किया है।


गोपीचंद पी हिंदुजा का करियर और हिंदुजा समूह की कहानी

गोपीचंद हिंदुजा ने 1959 में मुंबई में परिवार के व्यवसाय में कदम रखा। उस समय, हिंदुजा समूह एक छोटा व्यापार था जो भारत और पश्चिम एशिया के बीच संचालित होता था। लेकिन उनके नेतृत्व में, कंपनी धीरे-धीरे 20 अरब डॉलर की बहुराष्ट्रीय कंपनी में विकसित हुई। गोपीचंद पी हिंदुजा ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें शामिल हैं:


  • 1984: गल्फ ऑयल का अधिग्रहण, जिसने हिंदुजा समूह को वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश दिलाया।
  • 1987: उन्होंने अशोक लीलैंड कंपनी का अधिग्रहण किया और कुछ वर्षों में इसे भारत के शीर्ष वाहन निर्माताओं में बदल दिया।
  • इसके बाद, समूह ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, वित्त, मीडिया, लुब्रिकेंट्स और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में विस्तार किया।
  • उन्होंने देश में बड़े पैमाने पर ऊर्जा परियोजनाओं में भारी निवेश कर भारत की औद्योगिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


गोपीचंद हिंदुजा की शैक्षणिक योग्यता

गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्हें दो विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त हुआ: वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से कानून में डॉक्टरेट और लंदन के रिचमंड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट।


हिंदुजा समूह की शुरुआत कैसे हुई?

1919 में, परमाणंद दीपचंद हिंदुजा ने इस समूह की स्थापना ईरान में की। बाद में, 1979 में, कंपनी का मुख्यालय लंदन में स्थानांतरित हो गया। आज, हिंदुजा समूह दुनिया के कई देशों में कार्यरत है। समूह के व्यवसायों में बैंकिंग, ऑटोमोटिव, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, रक्षा और बुनियादी ढांचा शामिल हैं। समूह के पास विश्वभर में लगभग 200,000 कर्मचारी हैं। इसका भारत, यूके, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका में मजबूत उपस्थिति है।


गोपीचंद हिंदुजा की संपत्ति और विरासत

गोपीचंद हिंदुजा केवल एक उद्योगपति नहीं थे; वे भारत की वैश्विक व्यापार सफलता का प्रतीक थे। उन्होंने दिखाया कि दूरदर्शिता और सही निर्णय कैसे एक व्यापार को अरबों डॉलर के साम्राज्य में बदल सकते हैं। द संडे टाइम्स रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति 37 अरब पाउंड (लगभग ₹3.9 लाख करोड़) आंकी गई, जिससे वे ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार बन गए।