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ब्लड ग्रुप की पहचान: कैसे निर्धारित होता है आपका रक्त समूह?

क्या आप जानते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप कैसे निर्धारित होता है? यह लेख आपको बताएगा कि रक्त समूह की पहचान कैसे होती है, माता-पिता से मिले जीन्स का क्या योगदान होता है, और ABO जीन की भूमिका क्या है। जानें कि कैसे एंटीजन रक्त कोशिकाओं पर मौजूद होते हैं और किस प्रकार ये आपके ब्लड ग्रुप को प्रभावित करते हैं।
 
ब्लड ग्रुप की पहचान: कैसे निर्धारित होता है आपका रक्त समूह?

ब्लड ग्रुप की पहचान कैसे होती है?



हर व्यक्ति के रक्त में एक विशेष जैविक संकेत होता है, जिसे हम ब्लड ग्रुप के रूप में जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी का ब्लड ग्रुप कैसे निर्धारित होता है? यह कैसे तय होता है कि वह नेगेटिव है या पॉजिटिव?


1. पहचान
ब्लड ग्रुप की पहचान जीवनशैली या आहार से नहीं होती, बल्कि यह जन्म से पहले ही हमारे DNA में निर्धारित होती है।


2. माता-पिता से मिले जीन्स
जब बच्चा गर्भ में होता है, तो माता-पिता से मिले कुछ विशेष जीन्स यह तय करते हैं कि उसका ब्लड ग्रुप A, B, AB, या O होगा, और वह पॉजिटिव होगा या नेगेटिव।


3. ABO जीन
बच्चों को हर माता-पिता से एक ABO जीन प्राप्त होता है। ये जीन्स मिलकर यह निर्धारित करते हैं कि ब्लड ग्रुप A, B, AB, या O होगा। ध्यान दें कि O जीन रिसेसिव होता है।


4. O जीन की आवश्यकता
इसलिए, इस ब्लड ग्रुप को बनाने के लिए दो O जीन्स की आवश्यकता होती है, जबकि A और B डोमिनेंट होते हैं।


5. ABO ग्रुप की पहचान
ABO ग्रुप की पहचान इस बात से होती है कि लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर कौन से एंटीजन - छोटे प्रोटीन मार्कर - मौजूद हैं। A एंटीजन की उपस्थिति का अर्थ है ग्रुप A, B एंटीजन का अर्थ है ग्रुप B, दोनों का अर्थ है AB, और दोनों की अनुपस्थिति का अर्थ है ग्रुप O।