ग्रीन जॉब्स क्या होते हैं? पीएम मोदी के लाल किले की प्राचीर से किए गए जिक्र की जानकारी
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनमें मेडिकल सीटों में 75,000 की वृद्धि और ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना शामिल है। यहां जानें ग्रीन जॉब्स के बारे में वो बातें जो आपको प्रधानमंत्री के संबोधन में बताई गईं।
हरित नौकरियाँ: वे क्या हैं?
हरित नौकरियाँ उन क्षेत्रों में रोजगार को संदर्भित करती हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी गतिविधियों का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। जलविद्युत, सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में नौकरियों को हरित नौकरियाँ माना जाता है। ये भूमिकाएँ पर्यावरणीय क्षति को कम करने और स्थिरता को बढ़ावा देने में योगदान देती हैं।
हरित नौकरियों में भारत की स्थिति
अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020-21 की अवधि में 863,000 हरित नौकरियाँ सृजित कीं। इनमें से 217,000 नौकरियाँ सौर फोटोवोल्टिक क्षेत्र में और 414,000 नौकरियाँ जलविद्युत क्षेत्र में थीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2021 में भारत ने 217,000 सौर फोटोवोल्टिक नौकरियाँ और 414,000 जलविद्युत नौकरियाँ सृजित कीं।
ग्रीन जॉब्स में कैरियर कैसे बनाएं
छात्र पर्यावरण विज्ञान में बी.एससी./बीई/बी.टेक जैसे पाठ्यक्रमों का अध्ययन करके हरित नौकरियों में अपना करियर बना सकते हैं। वे पर्यावरण विज्ञान में एम.एससी., एम.टेक या एमबीए करके अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकते हैं। स्नातक जेएनयू, डीयू, इग्नू और अन्य संस्थानों में अध्ययन करके सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में ग्रीन जॉब्स के बढ़ने के साथ ही भारत के युवा इस क्षेत्र में सबसे आगे होंगे और रोजगार के कई अवसर पैदा करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में 75,000 और मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी।