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केंद्रीय विश्वविद्यालय में टेक्सट्राइल इंडस्ट्री से संबंधित डिग्री कोर्स

केंद्रीय विश्वविद्यालय में टैक्सट्राईल इंडस्ट्री से संबंधित डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। शुरूआत में कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीएससी टेक्सटाइल प्रोग्राम शुरू होगा। बाद में इसे पीजी स्तर तक बढ़ाया जा सकता है। बीएससी के तहत टेक्सटाइल की पढ़ाई के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पढ़ाई के दौरान छात्रों को टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिलेगी।
 
केंद्रीय विश्वविद्यालय में टैक्सट्राईल इंडस्ट्री से संबंधित डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। शुरूआत में कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीएससी टेक्सटाइल प्रोग्राम शुरू होगा। बाद में इसे पीजी स्तर तक बढ़ाया जा सकता है। बीएससी के तहत टेक्सटाइल की पढ़ाई के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पढ़ाई के दौरान छात्रों को टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिलेगी।
नई दिल्ली, 1 मार्च- केंद्रीय विश्वविद्यालय में टैक्सट्राईल इंडस्ट्री से संबंधित डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। शुरूआत में कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीएससी टेक्सटाइल प्रोग्राम शुरू होगा। बाद में इसे पीजी स्तर तक बढ़ाया जा सकता है। बीएससी के तहत टेक्सटाइल की पढ़ाई के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पढ़ाई के दौरान छात्रों को टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिलेगी।

सभी विश्वविद्यालयों में बीएससी टेक्सटाइल्स का यह कोर्स शुरू किया जाएगा। बीएससी टेक्सटाइल्स पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने संबंधित विश्वविद्यालयों को इसका सिलेबस भेजा है। यूजीसी ने देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों को सिलेबस भेजने के साथ ही यह निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय नए सत्र से बीएससी टेक्सटाइल्स कोर्स को शुरू कर सकते हैं। बीएससी के अंतर्गत होने वाला यह है ग्रेजुएट पाठ्यक्रम तीन वर्ष की अवधि का होगा। जल्द ही पोस्ट ग्रजुएशन स्तर पर भी टेक्सटाइल्स की पढ़ाई शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालयों में यह पाठ्यक्रम वोकेशनल कोर्स के अंतर्गत होंगे।

इस पाठ्यक्रम से जुड़े प्रैक्टिकल के लिए यूजीसी से बकायदा आवश्यक फंड मिलेगा। यूजीसी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों ही स्तरों पर प्रैक्टिकल के लिए विश्वविद्यालयों को फंड जारी करेगा। यूजीसी द्वारा दिए जाने वाले इस फंड से विश्वविद्यालय छात्रों के प्रैक्टिकल उपयोगी उपकरणों की खरीद कर सकेंगे।

यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालय से कहा है कि बीएससी और एमएससी की पढ़ाई नेशनल टेक्सटाइल्स मिशन के तहत शुरू कराई जा रही है। इस कोर्स को करने के बाद छात्रों के पास रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

टेक्सटाइल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने वाले छात्रों को ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। यह ट्रेनिंग कपड़ा मिलों में होगी। यूजीसी का मानना है कि छात्रों के लिए यह ट्रेनिंग जरूरी है। कपड़ा मिल में ट्रेनिंग लेने पर छात्रों को टेक्सटाइल्स उद्योग की जमीनी व व्यवहारिक जानकारी मिल सकेगी।

यूजीसी का यह भी कहना है कि यूजी और पीजी स्तर पर शुरू किया जा रहा है यह पाठ्यक्रम वैश्विक स्तर का है। गौरतलब है कि कई विदेशी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पहले से ही इस तरह के पाठ्यक्रम मौजूद है। इन्हीं पाठ्यक्रमों की तर्ज पर अब भारत में भी टेक्सटाइल से जुड़े यूजी और पीजी पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। भारतीय पाठ्यक्रमों का सिलेबस टोक्यो, क्योटो, सिंगापुर, टेक्सास विवि में होने वाली पढ़ाई के अनुसार है। यूजीसी का कहना है कि टेक्सटाइल्स की पढ़ाई वैश्विक स्तर पर होने वाली पढ़ाई के अनुसार कराई जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को विदेशों में भी नौकरियों के अवसर उपलब्ध हो सकें।