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NCERT : फिराक गोरखपुरी और निराला की रचनाएं नहीं पढ़ सकेंगे 12 वीं के विद्यार्थी, पाठ्यक्रम से किया गया बाहर

 फिराक गोरखपुरी की गजल को यूपी बोर्ड और सीबीएसई 12वीं के 'हिंदी आरोह पार्ट-2' से हटा दिया गया है। 
 
बदलाव: अब 12वीं के छात्र फिराक गोरखपुरी और निराला की रचनाएं नहीं पढ़ सकेंगे  प्रयागराज। फिराक गोरखपुरी की गजल को यूपी बोर्ड और सीबीएसई 12वीं के 'हिंदी आरोह पार्ट-2' से हटा दिया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से इंटरमीडिएट में चल रहे 'आरोह पार्ट टू' में कई बदलाव किए हैं। इसमें फिराक गोरखपुरी गजल और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 'गीत गाने दो मुझे' 'अंतरा भाग दो' नहीं सुना सकेंगे। विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी एनसीईआरटी ने 'अंतरा भाग दो' से हटा दिया है। 'विद्यार्थी आरोह भाग दो' में इस सत्र में 'चार्ली चैपलिन' यानी हम सब नहीं पढ़ पाएंगे। एनसीईआरटी ने सिलेबस में बदलाव किया है, इसकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है। समकालीन दुनिया में अमेरिकी प्रभुत्व और शीत युद्ध को नागरिक शास्त्र की किताबों में समकालीन विश्व राजनीति से बाहर रखा गया है।  स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से 'जन आंदोलनों के उदय' और 'एक दल के प्रभुत्व' के युग को हटा दिया गया है।

 फिराक गोरखपुरी की गजल को यूपी बोर्ड और सीबीएसई 12वीं के 'हिंदी आरोह पार्ट-2' से हटा दिया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से इंटरमीडिएट में चल रहे 'आरोह पार्ट टू' में कई बदलाव किए हैं।
इसमें फिराक गोरखपुरी गजल और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 'गीत गाने दो मुझे' 'अंतरा भाग दो' नहीं सुना सकेंगे।

विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी एनसीईआरटी ने 'अंतरा भाग दो' से हटा दिया है। 'विद्यार्थी आरोह भाग दो' में इस सत्र में 'चार्ली चैपलिन' यानी हम सब नहीं पढ़ पाएंगे। एनसीईआरटी ने सिलेबस में बदलाव किया है, इसकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है। समकालीन दुनिया में अमेरिकी प्रभुत्व और शीत युद्ध को नागरिक शास्त्र की किताबों में समकालीन विश्व राजनीति से बाहर रखा गया है।

स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से 'जन आंदोलनों के उदय' और 'एक दल के प्रभुत्व' के युग को हटा दिया गया है।