Logo Naukrinama

नालंदा विश्वविद्यालय: भारत का गर्व, दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, पढ़िए इस लेख में

नालंदा विश्वविद्यालय भारत के विश्वविद्यालयों का गौरव है, जिसे तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है। इसका अस्तित्व लगभग 800 सालों तक रहा और यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय भी था। इसकी स्थापना 5वीं सदी में हुई थी और यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र था।

 
नालंदा विश्वविद्यालय: भारत का गर्व, दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, पढ़िए इस लेख में 

नालंदा विश्वविद्यालय भारत के विश्वविद्यालयों का गौरव है, जिसे तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है। इसका अस्तित्व लगभग 800 सालों तक रहा और यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय भी था। इसकी स्थापना 5वीं सदी में हुई थी और यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र था।
नालंदा विश्वविद्यालय: भारत का गर्व, दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, पढ़िए इस लेख में 

नालंदा विश्वविद्यालय के रूप में

नालंदा विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अनगिनत योगदान किया। इस विश्वविद्यालय में छात्रों का सेलेक्शन मेरिट के आधार पर होता था और उन्हें नि:शुल्क शिक्षा के साथ ही आवास भी प्रदान किया जाता था। यहां 9 मंजिला पुस्तकालय और 10,000 से अधिक छात्र पढ़ाई करते थे, और उनके लिए 2,700 से अधिक शिक्षक थे। नालंदा विश्वविद्यालय ने दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जहां भारतीय और विदेशी छात्र एक साथ पढ़ाई करते थे।

नालंदा विश्वविद्यालय के रोचक तथ्य

  • नालंदा शब्द का मतलब है 'ज्ञान रूपी उपहार पर कोई प्रतिबंध न रखना'।
  • इस विश्वविद्यालय का अस्तित्व संस्कृत के तीन शब्दों - ना+आलम+दा के संधि-विच्छेद से बना है।
  • नालंदा विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान की, जैसे कि साहित्य, ज्योतिष, मनोविज्ञान, कानून, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वॉरफेयर, इतिहास, गणित, आर्किटेक्टर, लैंग्‍वेज साइंस, अर्थशास्त्र, मेडिसिन, और अन्य विषयों में।
    नालंदा विश्वविद्यालय: भारत का गर्व, दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, पढ़िए इस लेख में 

नालंदा विश्वविद्यालय का आगाज

नालंदा विश्वविद्यालय का आरंभ सम्राट कुमारगुप्त द्वितीय के शासनकाल में हुआ था। यह विश्वविद्यालय गुप्त वंश के शासक सम्राट कुमारगुप्त ने स्थापित किया था और इसका उद्घाटन 5वीं सदी में हुआ था।

नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण

नालंदा विश्वविद्यालय बिहार के राजगीर में स्थित था, जो एक महत्वपूर्ण शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र था। यहां केवल शिक्षा ही नहीं, अपितु आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विनोद का भी केंद्र था।
नालंदा विश्वविद्यालय: भारत का गर्व, दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, पढ़िए इस लेख में 

नालंदा विश्वविद्यालय के नई उम्मीदें

इसके बाद नालंदा विश्वविद्यालय का नाम बड़ी ही गर्व से लिखा जाता है और नई नालंदा यूनिवर्सिटी के रूप में इसका अगला चरण शुरू हो चुका है, जो विद्यार्थियों के लिए एक नई आशा का प्रतीक है। यह विश्वविद्यालय फिर से भारत को विश्व की शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर पहुँचाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

नालंदा विश्वविद्यालय भारतीय सभ्यता और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रूप से योगदान किया है और यह भारतीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक साथ शिक्षा प्रदान करने के अपने अद्वितीय इतिहास के साथ गर्व होता है। नई नालंदा यूनिवर्सिटी भारतीय शिक्षा के नए दिनों की शुरुआत है और हम सभी उम्मीद करते हैं कि यह एक नई उम्मीदों का स्रोत बनेगा।