मुस्कान जिंदल की UPSC सफलता की कहानी: बिना कोचिंग, स्मार्टफोन के साथ हासिल की AIR...
UPSC परीक्षा में पहले प्रयास में सफलता प्राप्त करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, और मुस्कान जिंदल की यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है। हिमाचल प्रदेश से आने वाली, उन्होंने न केवल अपने पहले प्रयास में UPSC परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि 87 की प्रभावशाली ऑल इंडिया रैंक भी हासिल की, और अंततः एक भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी बन गईं।
एक मजबूत शैक्षणिक आधार
मुस्कान की सफलता की कहानी उनकी मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि और एक सिविल सेवक के रूप में राष्ट्र की सेवा करने की आजीवन आकांक्षा में निहित है। वह अपनी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के दौरान एक समर्पित छात्रा थीं। दसवीं कक्षा में, उन्होंने 10 का संपूर्ण ग्रेड पॉइंट औसत प्राप्त किया, और बारहवीं कक्षा में, उन्होंने उल्लेखनीय 96% अंक प्राप्त किए। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी के SD कॉलेज चंडीगढ़ से B. Com (Hons) की डिग्री प्राप्त की, जहां वह अपनी स्नातक कक्षा में 5 वें स्थान पर रहीं।
UPSC के लिए सावधानीपूर्वक तैयारी
मुस्कान की UPSC परीक्षा की सावधानीपूर्वक तैयारी में दैनिक समाचार पत्र पढ़ना और महत्वपूर्ण तैयारी अवधि के दौरान करंट अफेयर्स पर ध्यान देना शामिल था। वह नवीनतम समाचारों से अपडेट रहने के लिए ऑनलाइन संकलन पर निर्भर थीं।
तकनीक के लिए संतुलित दृष्टिकोण
अपनी तैयारी के दौरान, मुस्कान ने अपना फोन बनाए रखा, लेकिन इसके उपयोग में आत्म-नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने फोन का उपयोग मुख्य रूप से शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया और केवल आवश्यक होने पर ही ध्यान भटकाने की अनुमति दी।
निरंतरता की शक्ति
मुस्कान की UPSC तैयारी रणनीति में निरंतरता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दैनिक प्रेरणा और लगातार अध्ययन के महत्व पर जोर दिया। चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने दृढ़ता और प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अभ्यास की कला
परीक्षा पत्रों के उत्तर देने के अपने दृष्टिकोण में, मुस्कान ने अभ्यास के महत्व पर जोर दिया। वह साक्षात्कार के दौरान संतुलित और ईमानदार व्यवहार बनाए रखने में विश्वास करती थीं। उनके अनुसार, ये महत्वपूर्ण पहलू पहले प्रयास में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्व-अध्ययन और लक्ष्य निर्धारण
मुस्कान ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के विभिन्न संस्थानों से मार्गदर्शन प्राप्त करने की बात स्वीकार की, लेकिन उनकी सफलता में स्व-अध्ययन की प्राथमिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उसने अपनी तैयारी के लिए प्रतिदिन लगभग 7 से 8 घंटे समर्पित करते हुए साप्ताहिक अध्ययन लक्ष्य निर्धारित किए और उनका पालन किया।
मुस्कान जिंदल की UPSC सफलता की कहानी कड़ी मेहनत, लगन और निरंतरता की शक्ति का एक प्रमाण है। उनकी सफलता का श्रेय उनकी मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, सावधानीपूर्वक तैयारी, तकनीक के लिए संतुलित दृष्टिकोण, निरंतरता और अभ्यास की कला को दिया जाता है। उनकी सफलता अन्य उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है, और यह साबित करती है कि पहले प्रयास में UPSC परीक्षा को पास करना संभव है।