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AICTE और यूनेस्को एमजीआईईपी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, शांति व शिक्षा के सतत विकास के लक्ष्यों पर जोर

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा के तहत यूनेस्को के महात्मा गांधी शिक्षा संस्थान (एमजीआईईपी) के साथ एक समझौता किया है। एआईसीटीई और यूनेस्को के बीच यह समझौता शांति और सतत विकास के लिए है।
 
नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा के तहत यूनेस्को के महात्मा गांधी शिक्षा संस्थान (एमजीआईईपी) के साथ एक समझौता किया है। एआईसीटीई और यूनेस्को के बीच यह समझौता शांति और सतत विकास के लिए है। एमजीआईईपी शिक्षा के क्षेत्र में एक श्रेणी का यूनेस्को अनुसंधान संस्थान है जो दुनिया भर में शांति और समाज निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र की सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित है। एआईसीटीई का यह मानना है कि दोनों संगठनों के बीच यह समझौता सुनिश्चित करेगा कि शिक्षार्थियों को हमारे पर्यावरण के सामने आने वाली चुनौतियों की समझ है और वे इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, संकाय सदस्यों के लिए डिजिटल शिक्षक शिक्षण पाठ्यक्रम उनके कार्य कौशल में वृद्धि करेंगे। समय की आवश्यकता के अनुसार डिजिटल शैक्षणिक उपकरणों, डिजिटल पाठ्यक्रम डिजाइन और डिजिटल मूल्यांकन डिजाइन के साथ परिचित होंगे।  एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम इस नई पहल पर कहा, इस एमओयू के तहत, एआईसीटीई और एमजीआईईपी ऐसे कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए सहयोग करेंगे जो सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, नवीन डिजिटल कौशल को बढ़ावा देंगे। साथ ही शिक्षकों और शिक्षार्थियों की क्षमता का निर्माण करने और वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से शिक्षा नीति को सूचित करने में सहायक होंगे।  यूनेस्को के साथ मिलकर की जा रही इस नई शैक्षणिक पहल पर प्रो राजीव कुमार, सदस्य सचिव, एआईसीटीई ने कहा, इस सहयोग का लक्ष्य युवाओं को चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए सामाजिक, भावनात्मक और विशेष कौशल से लैस करना है और शिक्षकों को मार्गदर्शन करना है कि कैसे युवा लोगों को भविष्य के लिए मददगार हों।  एमजीआईईपी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. अनंत दुरैयप्पा ने इसे शांति की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उनका मानना है कि यह सहयोग दुनियाभर में शांतिपूर्ण और समाज निर्माण के लिए शिक्षा की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 15 अप्रैल - अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा के तहत यूनेस्को के महात्मा गांधी शिक्षा संस्थान (एमजीआईईपी) के साथ एक समझौता किया है। एआईसीटीई और यूनेस्को के बीच यह समझौता शांति और सतत विकास के लिए है। एमजीआईईपी शिक्षा के क्षेत्र में एक श्रेणी का यूनेस्को अनुसंधान संस्थान है जो दुनिया भर में शांति और समाज निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र की सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित है। एआईसीटीई का यह मानना है कि दोनों संगठनों के बीच यह समझौता सुनिश्चित करेगा कि शिक्षार्थियों को हमारे पर्यावरण के सामने आने वाली चुनौतियों की समझ है और वे इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, संकाय सदस्यों के लिए डिजिटल शिक्षक शिक्षण पाठ्यक्रम उनके कार्य कौशल में वृद्धि करेंगे। समय की आवश्यकता के अनुसार डिजिटल शैक्षणिक उपकरणों, डिजिटल पाठ्यक्रम डिजाइन और डिजिटल मूल्यांकन डिजाइन के साथ परिचित होंगे।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम इस नई पहल पर कहा, इस एमओयू के तहत, एआईसीटीई और एमजीआईईपी ऐसे कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए सहयोग करेंगे जो सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, नवीन डिजिटल कौशल को बढ़ावा देंगे। साथ ही शिक्षकों और शिक्षार्थियों की क्षमता का निर्माण करने और वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से शिक्षा नीति को सूचित करने में सहायक होंगे।

यूनेस्को के साथ मिलकर की जा रही इस नई शैक्षणिक पहल पर प्रो राजीव कुमार, सदस्य सचिव, एआईसीटीई ने कहा, इस सहयोग का लक्ष्य युवाओं को चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए सामाजिक, भावनात्मक और विशेष कौशल से लैस करना है और शिक्षकों को मार्गदर्शन करना है कि कैसे युवा लोगों को भविष्य के लिए मददगार हों।

एमजीआईईपी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. अनंत दुरैयप्पा ने इसे शांति की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उनका मानना है कि यह सहयोग दुनियाभर में शांतिपूर्ण और समाज निर्माण के लिए शिक्षा की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।