मणिपुर में कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने की योजना
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मणिपुर सरकार ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए ग्रेडिंग प्रणाली शुरू करने की घोषणा करके शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम का उद्देश्य पारंपरिक रैंकिंग प्रणालियों से जुड़े तनाव और दबाव को कम करना है। आइए इस अभूतपूर्व पहल और इसके निहितार्थों के बारे में गहराई से जानें।
ग्रेडिंग प्रणाली कार्यान्वयन: हाल ही में एक आधिकारिक बयान में, शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव एलांगबाम सोनिया ने नई ग्रेडिंग प्रणाली के विवरण का खुलासा किया। पारंपरिक दृष्टिकोण के विपरीत, ग्रेडिंग प्रणाली छात्रों को डिवीजन या रैंक आवंटित करने से परहेज करेगी।
ग्रेडिंग प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
- दस्तावेज़ पर कुल अंक या समुच्चय का कोई प्रदर्शन नहीं।
- केवल उत्तीर्ण/असफल स्थिति मुद्रित की जाएगी।
- छात्रों को उनके प्रदर्शन के आधार पर A1 (91-100), A2 (81-90), E1 (21-30), और E2 (21 से नीचे) जैसे ग्रेड दिए जाएंगे।
ग्रेडिंग प्रणाली के लाभ:
- तनाव कम करना: ग्रेडिंग प्रणाली का उद्देश्य शीर्ष रैंक हासिल करने से जुड़े दबाव को खत्म करके छात्रों के बीच तनाव और चिंता को कम करना है।
- स्वस्थ शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देना: प्रतिस्पर्धा के बजाय व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान केंद्रित करके, ग्रेडिंग प्रणाली एक अनुकूल शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देती है।
- समान अवसर: रैंकिंग की अनुपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक छात्र को समान पहचान और विकास के अवसर प्राप्त हों।
छात्रों के लिए निहितार्थ: ग्रेडिंग प्रणाली की शुरूआत छात्रों के प्रदर्शन को बढ़ाने में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्व की सरकार की स्वीकृति को दर्शाती है। इसके अलावा, यह छात्रों के मानसिक कल्याण और समग्र विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
परीक्षा विवरण:
- छात्रों की संख्या: 18,628 महिला छात्रों सहित लगभग 37,715 छात्रों के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद है।
- परीक्षा कार्यक्रम: परीक्षाएं 15 मार्च से 8 अप्रैल तक 154 परीक्षा केंद्रों पर होने वाली हैं।