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ममता विश्व भारती विश्वविद्यालय के भूमि विवाद में अमर्त्य सेन के साथ

विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने जब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर बीरभूम जिले के बोलपुर-शांतिनिकेतनमें विश्वविद्यालय की भूमि पर अनधिकृत कब्जा करने का आरोप लगाया, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सेन का साथ दिया।
 
कोलकाता, 30 जनवरी (आईएएनएस)| विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने जब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर बीरभूम जिले के बोलपुर-शांतिनिकेतनमें विश्वविद्यालय की भूमि पर अनधिकृत कब्जा करने का आरोप लगाया, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सेन का साथ दिया। चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि सेन के पास 1.38 एकड़ जमीन है, जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है।  सोमवार की दोपहर मुख्यमंत्री बोलपुर-शांतिनिकेतन पहुंचने के बाद प्रोफेसर सेन के आवास पर गईं। वहां उन्होंने राज्य के भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के जमीन के रिकॉर्ड सौंपे, जो पूरे 1.38 एकड़ जमीन पर उनके कानूनी अधिकार को दर्शाता है, जिस जमीन पर उनका कब्जा है।  ममता ने कहा, "नोबेल पुरस्कार विजेता का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा 13 डिसमिल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से झूठा है और महान शिक्षाविद की छवि को खराब करने के लिए ऐसा किया गया है। हम इस संबंध में जो भी कानूनी कार्रवाई की जरूरत होगी, करेंगे। किस तरह की कानूनी कार्रवाई, इसका खुलासा मैं अभी नहीं करूंगी।"  मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस को सेन को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक नागेंद्र त्रिपाठी को सेन के आवास के सामने अस्थायी पुलिस शिविर लगाने का भी निर्देश दिया।  ममता ने यह भी कहा कि हर चीज का भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है और इस प्रक्रिया में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कुछ लोग नोबेल पुरस्कार विजेता का अपमान कर रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक आभासी चुनौती देते हुए कहा, "लेकिन मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी और इसे अंत तक देखूंगी।"
कोलकाता, 31 जनवरी - विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने जब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर बीरभूम जिले के बोलपुर-शांतिनिकेतनमें विश्वविद्यालय की भूमि पर अनधिकृत कब्जा करने का आरोप लगाया, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सेन का साथ दिया। चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि सेन के पास 1.38 एकड़ जमीन है, जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है।

सोमवार की दोपहर मुख्यमंत्री बोलपुर-शांतिनिकेतन पहुंचने के बाद प्रोफेसर सेन के आवास पर गईं। वहां उन्होंने राज्य के भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के जमीन के रिकॉर्ड सौंपे, जो पूरे 1.38 एकड़ जमीन पर उनके कानूनी अधिकार को दर्शाता है, जिस जमीन पर उनका कब्जा है।

ममता ने कहा, "नोबेल पुरस्कार विजेता का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा 13 डिसमिल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से झूठा है और महान शिक्षाविद की छवि को खराब करने के लिए ऐसा किया गया है। हम इस संबंध में जो भी कानूनी कार्रवाई की जरूरत होगी, करेंगे। किस तरह की कानूनी कार्रवाई, इसका खुलासा मैं अभी नहीं करूंगी।"

मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस को सेन को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक नागेंद्र त्रिपाठी को सेन के आवास के सामने अस्थायी पुलिस शिविर लगाने का भी निर्देश दिया।

ममता ने यह भी कहा कि हर चीज का भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है और इस प्रक्रिया में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कुछ लोग नोबेल पुरस्कार विजेता का अपमान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक आभासी चुनौती देते हुए कहा, "लेकिन मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी और इसे अंत तक देखूंगी।"