महाराष्ट्र: ड्राफ्ट पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 11, 12 के लिए अंग्रेजी नहीं होगा अनिवार्य विषय
महाराष्ट्र सरकार की राज्य शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए हैं। इन बदलावों में अंग्रेजी को विदेशी भाषा और गैर-अनिवार्य विषय के रूप में वर्गीकृत किया गया है। आइए इस मसौदा पाठ्यक्रम और इसके निहितार्थों के बारे में विस्तार से जानें।
पाठ्यक्रम में प्रस्तावित परिवर्तन:
एससीईआरटी द्वारा तैयार मसौदा पाठ्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख प्रस्तावित परिवर्तन हैं:
-
अंग्रेजी एक गैर-अनिवार्य विषय के रूप में:
अंग्रेजी, जो वर्तमान में कक्षा XI और XII के लिए एक अनिवार्य विषय है, को एक विदेशी भाषा और गैर-अनिवार्य विषय के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। -
विषय संरचना:
- कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं में आठ विषय शामिल होंगे: दो भाषाएँ, चार वैकल्पिक विषय और दो अनिवार्य विषय।
- एक भाषा का चयन 17 भारतीय भाषाओं के समूह में से किया जाना चाहिए, जबकि दूसरी भाषा पहले या दूसरे समूह में से किसी एक से हो सकती है।
-
अंतःविषयक क्षेत्रों का समावेश:
मसौदा अंतःविषयक क्षेत्रों में शिक्षा पर जोर देता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
हितधारक प्रतिक्रिया:
एससीईआरटी ने प्रस्तावित पाठ्यक्रम परिवर्तनों के संबंध में हितधारकों से 3 जून तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।
प्रस्तावित परिवर्तनों के निहितार्थ:
- महाराष्ट्र में कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी अब अनिवार्य भाषा नहीं होगी।
- छात्रों के पास विदेशी भाषा के रूप में अंग्रेजी चुनने या जर्मन, फ्रेंच, रूसी आदि भाषाओं को चुनने का विकल्प होगा।
- पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के भाषा विकल्पों को व्यापक बनाना है, साथ ही जलवायु परिवर्तन जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए अंतःविषय शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करना है।