शिक्षा मंत्रालय ने कहा पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण फंड के 'दुरुपयोग' का कैग ऑडिट
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसे पीएम पोषण योजना के तहत पश्चिम बंगाल में निधियों के कथित दुरुपयोग के बारे में रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं। मंत्रालय के मुताबिक पीएम पोषण योजना के क्रियान्वयन में व्यतिक्रम की घटनाओं की रिपोर्ट भी मीडिया में आई है।
Wed, 8 Feb 2023

नई दिल्ली, 8 फरवरी -केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसे पीएम पोषण योजना के तहत पश्चिम बंगाल में निधियों के कथित दुरुपयोग के बारे में रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं। मंत्रालय के मुताबिक पीएम पोषण योजना के क्रियान्वयन में व्यतिक्रम की घटनाओं की रिपोर्ट भी मीडिया में आई है। इसको देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में इस योजना का ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग पीएम पोषण योजना को संचालित करता है। राज्यों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर उन्हें जो धनराशि प्रदान की जाती है, उसे मद्देनजर रखते हुये योजना के तहत पहली से आठवीं कक्षा तथा बालवाटिका के पात्र बच्चों को एक समय का पका हुआ गर्म भोजन दिया जाता है। पीएम पोषण योजना से सरकारी, सरकार द्वारा सहायता-प्राप्त 11.20 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले देश के लगभग 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिल रहा है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उपरोक्त को ध्यान में रखते हुये मंत्रालय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) से इस संबंध में ऑडिट करने का आग्रह किया है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीएजी से आग्रह किया गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों को मद्देनजर रखते हुये पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन का विशेष लेखा-परीक्षण किया जाये। लेखा-परीक्षण में अनुपालन, कामकाज और वित्तीय लेखा-परीक्षण शामिल होगा।
सीएजी के कार्यालय को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्ति और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 (1971 का अधिनियम सं. 56) की धारा 23 के क्रम में लेखा और लेखापरीक्षा (संशोधन) विनियम, 2020 के तहत यह लेखा-परीक्षण करने का अधिकार है। सीएजी के कार्यालय की लेखापरीक्षा रिपोर्ट के आधार पर विभाग आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करेगा।
इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए संयुक्त समीक्षा मिशन का गठन किया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जनवरी महीने में केंद्र प्रायोजित योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य का दौरा करने के लिए यह संयुक्त समीक्षा मिशन गठित किया था।
संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) के सदस्यों में पोषण विशेषज्ञ, भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं। यह जेआरएम टीम तय मानदंडों के आधार पर राज्य, जिला और स्कूल स्तरों पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा कर रही है। राज्य से स्कूलों को निधि प्रवाह की समीक्षा के लिए थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह टीम पूंजीगत संपत्ति के निर्माण की समीक्षा के लिए बनाई गई थी। रसोई-सह-भंडार का निर्माण, रसोई उपकरणों की खरीद, योजना में एनजीओ, ट्रस्ट, केन्द्रीकृत रसोइयों की भागीदारी की समीक्षा कर रही है।
गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग पीएम पोषण योजना को संचालित करता है। राज्यों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर उन्हें जो धनराशि प्रदान की जाती है, उसे मद्देनजर रखते हुये योजना के तहत पहली से आठवीं कक्षा तथा बालवाटिका के पात्र बच्चों को एक समय का पका हुआ गर्म भोजन दिया जाता है। पीएम पोषण योजना से सरकारी, सरकार द्वारा सहायता-प्राप्त 11.20 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले देश के लगभग 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिल रहा है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उपरोक्त को ध्यान में रखते हुये मंत्रालय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) से इस संबंध में ऑडिट करने का आग्रह किया है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीएजी से आग्रह किया गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों को मद्देनजर रखते हुये पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन का विशेष लेखा-परीक्षण किया जाये। लेखा-परीक्षण में अनुपालन, कामकाज और वित्तीय लेखा-परीक्षण शामिल होगा।
सीएजी के कार्यालय को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्ति और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 (1971 का अधिनियम सं. 56) की धारा 23 के क्रम में लेखा और लेखापरीक्षा (संशोधन) विनियम, 2020 के तहत यह लेखा-परीक्षण करने का अधिकार है। सीएजी के कार्यालय की लेखापरीक्षा रिपोर्ट के आधार पर विभाग आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करेगा।
इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए संयुक्त समीक्षा मिशन का गठन किया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जनवरी महीने में केंद्र प्रायोजित योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य का दौरा करने के लिए यह संयुक्त समीक्षा मिशन गठित किया था।
संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) के सदस्यों में पोषण विशेषज्ञ, भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं। यह जेआरएम टीम तय मानदंडों के आधार पर राज्य, जिला और स्कूल स्तरों पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा कर रही है। राज्य से स्कूलों को निधि प्रवाह की समीक्षा के लिए थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह टीम पूंजीगत संपत्ति के निर्माण की समीक्षा के लिए बनाई गई थी। रसोई-सह-भंडार का निर्माण, रसोई उपकरणों की खरीद, योजना में एनजीओ, ट्रस्ट, केन्द्रीकृत रसोइयों की भागीदारी की समीक्षा कर रही है।