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नोएडा में कई दर्जन स्कूलों पर लगा 1-1 लाख का जुर्माना, कोर्ट आदेश के बाद भी 15 प्रतिशत नहीं लौटाई फीस

नोएडा प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद फीस वापस नहीं करने पर 50 से ज्यादा स्कूलों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि स्कूलों के पास 30 दिन का समय है
 
नोएडा, 26 अप्रैल (आईएएनएस)| नोएडा प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद फीस वापस नहीं करने पर 50 से ज्यादा स्कूलों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि स्कूलों के पास 30 दिन का समय है, अगर अभिभावकों को फीस वापस नहीं की गई, तो यही जुर्माना 5-5 लाख रुपए का कर दिया जाएगा। इसकी वसूली भी स्कूलों से होगी। बता दें कि 2 दिन पहले उत्तराखंड पब्लिक स्कूल पर फीस को लेकर प्रिंसिपल और अभिभावकों के बीच गहमा-गहमी हो चुकी है। बकाया के चलते स्कूल सील की कार्रवाई भी हुई है।  ये पूरा मामला कोरोना कॉल में सत्र 2021-22 में ली गई फीस से जुड़ा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी स्कूल कोरोना काल सत्र 2021-22 में ली गई फीस का 15 प्रतिशत अभिभावकों को वापस करेंगे। आदेश के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा पालन नहीं किया जा रहा था। कुछ स्कूलों ने जवाब में कहा है कि कोरोना काल में उन्होंने अभिभावकों को स्वयं अपनी तरफ से 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी, ऐसे में उस छूट को न्यायालय के आदेश में शामिल किया जाए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी। अब ये मामला डीएम के एक आदेश के बाद गरमा गया है। इसमें आदेश के बाद भी जिन स्कूलों ने अभिभावकों को 15 प्रतिशत पैसा वापस नहीं किया था उसमें से लगभग 50 से अधिक स्कूलों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश में कहा कि स्कूलों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए।  जिन बड़े स्कूलों पर जुर्माना लगा है उनके नाम हैं फादर एंगल, रयान पब्लिक स्कूल, जी डी गोनेका, लोटस स्कूल, शिव नादर स्कूल, रामाज्ञा स्कूल आदि।
नोएडा, 27अप्रैल -नोएडा प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद फीस वापस नहीं करने पर 50 से ज्यादा स्कूलों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि स्कूलों के पास 30 दिन का समय है, अगर अभिभावकों को फीस वापस नहीं की गई, तो यही जुर्माना 5-5 लाख रुपए का कर दिया जाएगा। इसकी वसूली भी स्कूलों से होगी। बता दें कि 2 दिन पहले उत्तराखंड पब्लिक स्कूल पर फीस को लेकर प्रिंसिपल और अभिभावकों के बीच गहमा-गहमी हो चुकी है। बकाया के चलते स्कूल सील की कार्रवाई भी हुई है।

ये पूरा मामला कोरोना कॉल में सत्र 2021-22 में ली गई फीस से जुड़ा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी स्कूल कोरोना काल सत्र 2021-22 में ली गई फीस का 15 प्रतिशत अभिभावकों को वापस करेंगे। आदेश के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा पालन नहीं किया जा रहा था। कुछ स्कूलों ने जवाब में कहा है कि कोरोना काल में उन्होंने अभिभावकों को स्वयं अपनी तरफ से 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी, ऐसे में उस छूट को न्यायालय के आदेश में शामिल किया जाए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी। अब ये मामला डीएम के एक आदेश के बाद गरमा गया है। इसमें आदेश के बाद भी जिन स्कूलों ने अभिभावकों को 15 प्रतिशत पैसा वापस नहीं किया था उसमें से लगभग 50 से अधिक स्कूलों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश में कहा कि स्कूलों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए।

जिन बड़े स्कूलों पर जुर्माना लगा है उनके नाम हैं फादर एंगल, रयान पब्लिक स्कूल, जी डी गोनेका, लोटस स्कूल, शिव नादर स्कूल, रामाज्ञा स्कूल आदि।