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दिल्ली: सरकारी स्कूलों के 45 छात्रों को जेईई मेन्स में 98 परसेंटाइल, दो छात्रों का 99.98 पर्सेंटाइल

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दो छात्रों को जेईई मेन्स में 99.98 पर्सेंटाइल अंक मिले हैं। वहीं 45 अन्य छात्रों ने जेईई मेन्स में 98 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं।
 
दिल्ली: सरकारी स्कूलों के 45 छात्रों को जेईई मेन्स में 98 परसेंटाइल, दो छात्रों का 99.98 पर्सेंटाइल
नई दिल्ली, 14 फरवरी -दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दो छात्रों को जेईई मेन्स में 99.98 पर्सेंटाइल अंक मिले हैं। वहीं 45 अन्य छात्रों ने जेईई मेन्स में 98 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं।

गणित में 100 पर्सेंटाइल और कुल मिलाकर 99.98 पर्सेंटाइल लाने वाले सर्वोदय विद्यालय, डॉ. अम्बेडकर नगर सेक्टर 5 के छात्र गौरव कुमार ने कहा, हम दिन के किसी भी समय शिक्षकों से अपने संदेह पूछ सकते हैं। यहां तक कि अगर हमारे पास जेईई प्रश्नपत्रों के संबंध में कुछ आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न थे, तो हमारे शिक्षकों ने इसे हल करना सुनिश्चित किया।

राधेश्याम पार्क स्थित स्कूल के छात्र आस्तिक नारायण ने भी 99.98 पर्सेंटाइल अंक हासिल किए हैं। आस्तिक ने 8वीं कक्षा में कैलकुलस पर एक किताब भी लिखी है। दिल्ली सरकार द्वारा दो साल पहले शुरू हुए स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के पहले बैच ने ही बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसओएसई के पहले बैच में से 253 बच्चों ने जेईई का एग्जाम दिया था, जिसमें से से 109 बच्चों ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है।

99.51 पर्सेंटाइल हासिल करने वाली मुस्कान ने कहा, पहले जेईई की परीक्षा देने का मेरा कोई इरादा नहीं था। लेकिन फिजिक्स और गणित में मेरे मार्क्‍स को देखने के बाद, मेरे क्लास टीचर ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया। यह मेरा पहला प्रयास था और मैंने बिना किसी कोचिंग के परीक्षा दी। मेरे लिए स्कूल में टीचर्स से मिला सपोर्ट और सेल्फ-स्टडी जेईई मेंस को क्रैक करने के लिए पर्याप्त थे।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार की ओर से मिली फ्री ऑनलाइन कोचिंग, स्कूल लाइब्रेरी में हाई-एंड किताबों, टीचर्स के सपोर्ट और अपनी कड़ी मेहनत के साथ आज ये बच्चे देश के टॉपर्स में शामिल है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बच्चो को अब कोटा कोचिंस में जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि कोटा ही हमारे स्कूलों में आ गया है।

एसओएसई खिचड़ीपुर के छात्र ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पिताजी मोबाइल रिपेयरिंग की दूकान पर काम करते है। मैं दसवीं के बाद ही जेईई की तैयारी करना चाहता था, लेकिन जब मैं कोचिंग के लिए संस्थानों पर पूछने गया तो पता चला कि ये कोचिंग बहुत महंगी है। मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जिस कोचिंग के लिए मैं बाहर फीस नहीं चूका सकता था वही कोचिंग आज मुझे मेरे स्कूल में फ्री मिल रही है।

एक अन्य छात्र अमन ने साझा करते हुए कहा कि, मुझे 10वीं तक जेईई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पिताजी एक सिक्यूरिटी गार्ड है तो घर में भी इसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन स्कूल में टीचर्स के सपोर्ट-गाइडेंस और लाइब्रेरी से मिले अच्छे स्टडी मटेरियल की बदौलत मैं इतने अच्छे पर्सेंटाइल के साथ मेंस की परीक्षा पास कर पाया।

इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारे बच्चे पढ़ लिखकर कामयाब होंगे तो वो देश को भी आगे बढ़ाएंगे। इन बच्चों की इस शानदार कामयाबी में उनके पैरेंट्स, टीचर्स और दिल्ली की पूरी टीम एजुकेशन की जी-तोड़ मेहनत का भी बहुत बड़ा योगदान है।

उल्लेखनीय है कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एएसओएसई) के लिए यह पहला साल था जहां स्टेम डोमेन के छात्रों ने जेईई परीक्षा दी थी और उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।

इन 45 छात्रों के अलावा, दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसे छात्रों की बहुत बड़ी संख्या है जिन्होंने जेईई मेन्स में 90 पर्सेंटाइल से ऊपर अंक प्राप्त किए हैं और जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं।