Logo Naukrinama

CUET 2023: एएमयू और जामिया में एडमिशन के लिए अपनानी होगी सीयूईटी की प्रक्रिया: UGC

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी यूजी 2023) पूरी तरह नहीं अपनाने की बात कही गई।
 
नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)| अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी यूजी 2023) पूरी तरह नहीं अपनाने की बात कही गई। कुछ ऐसी ही रिपोर्ट जामिया मिलिया इस्लामिया को लेकर भी सामने आ रही हैं। इस पर अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया को एक रिमाइंडर मेल भेजा है। अपने इस संवाद में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की प्रक्रिया को अनिवार्य तौर पर अपनाना होगा।  यूजीसी ने इससे पहले भी सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को सभी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के लिए कहा है। हालांकि यूजीसी के दिशा निदेशरें के बावजूद यह पाया गया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने केवल कुछ ही पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी का विकल्प चुना है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में बीते वर्ष भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। यूजीसी नेट फस्र्ट कहा है कि इन विश्वविद्यालयों समेत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों को समान अवसर प्रदान करने के लिए पूरी तरह से सीयूईटी 2023 सीयूईटी अपनाने की आवश्यकता है।  गौरतलब है कि एएमयू के अधिकारियों ने इससे पहले दावा किया था कि उन्हें आयोग से सीयूईटी पर कोई विशेष निर्देश नहीं मिला है और इसलिए पिछले साल विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए पैटर्न को जारी रखेंगे।  वहीं जामिया भी पिछले साल की तरह सीयूईटी यूजी को अपनाने से हिचक रहा है। अधिकारियों का मानना है कि सीयूईटी प्रवेश परीक्षा से दाखिला प्रक्रिया में देरी होती है।  जामिया के अधिकारियों की एक आंतरिक बैठक में निष्कर्ष निकाला गया था कि संस्थान को पिछले वर्ष के अनुसार यूजी और पीजी के कुछ पाठ्यक्रमों को सीयूईटी को आवंटित करना चाहिए और समय पर प्रवेश आदि सुनिश्चित करने के लिए शेष सभी पाठ्यक्रमों के लिए अपनी खुद की औलाद प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। हालांकि अब यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया समेत देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को दाखिला प्रक्रिया में सीयूईटी को ही अपनाना होगा।  गौरतलब है कि बीते वर्ष 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा कई प्राइवेट, राज्यस्तरीय एवं अन्य विश्वविद्यालयों ने भी यूजी दाखिले के लिए सीयूईटी की प्रक्रिया को मान्यता दी थी। इस वर्ष भी यूजीसी ने देश भर के सभी विश्वविद्यालयों से दाखिला प्रक्रिया में सीयूईटी को अपनाने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली, 21 फरवरी -अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी यूजी 2023) पूरी तरह नहीं अपनाने की बात कही गई। कुछ ऐसी ही रिपोर्ट जामिया मिलिया इस्लामिया को लेकर भी सामने आ रही हैं। इस पर अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया को एक रिमाइंडर मेल भेजा है। अपने इस संवाद में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की प्रक्रिया को अनिवार्य तौर पर अपनाना होगा।

यूजीसी ने इससे पहले भी सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को सभी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के लिए कहा है। हालांकि यूजीसी के दिशा निदेशरें के बावजूद यह पाया गया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने केवल कुछ ही पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी का विकल्प चुना है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में बीते वर्ष भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। यूजीसी नेट फस्र्ट कहा है कि इन विश्वविद्यालयों समेत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों को समान अवसर प्रदान करने के लिए पूरी तरह से सीयूईटी 2023 सीयूईटी अपनाने की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि एएमयू के अधिकारियों ने इससे पहले दावा किया था कि उन्हें आयोग से सीयूईटी पर कोई विशेष निर्देश नहीं मिला है और इसलिए पिछले साल विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए पैटर्न को जारी रखेंगे।

वहीं जामिया भी पिछले साल की तरह सीयूईटी यूजी को अपनाने से हिचक रहा है। अधिकारियों का मानना है कि सीयूईटी प्रवेश परीक्षा से दाखिला प्रक्रिया में देरी होती है।

जामिया के अधिकारियों की एक आंतरिक बैठक में निष्कर्ष निकाला गया था कि संस्थान को पिछले वर्ष के अनुसार यूजी और पीजी के कुछ पाठ्यक्रमों को सीयूईटी को आवंटित करना चाहिए और समय पर प्रवेश आदि सुनिश्चित करने के लिए शेष सभी पाठ्यक्रमों के लिए अपनी खुद की औलाद प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। हालांकि अब यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया समेत देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को दाखिला प्रक्रिया में सीयूईटी को ही अपनाना होगा।

गौरतलब है कि बीते वर्ष 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा कई प्राइवेट, राज्यस्तरीय एवं अन्य विश्वविद्यालयों ने भी यूजी दाखिले के लिए सीयूईटी की प्रक्रिया को मान्यता दी थी। इस वर्ष भी यूजीसी ने देश भर के सभी विश्वविद्यालयों से दाखिला प्रक्रिया में सीयूईटी को अपनाने का अनुरोध किया है।