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UGC से मांगी सीयूईटी में केन्द्रीकृत काउंसलिंग सिंगल शुल्क व्यवस्था

देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के लिए शुल्क और फिर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क का आर्थिक दबाव काफी ज्यादा है।
 
नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)| देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के लिए शुल्क और फिर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क का आर्थिक दबाव काफी ज्यादा है। छात्रों और उनके प्रतिनिधियों ने अब इस प्रक्रिया को सरल करने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि किसी भी एक विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए केवल एक बार शुल्क लिया जाना चाहिए। छात्रों ने अपनी यह मांग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी से की है।  देशभर के छात्रों की यह मांग लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन से मुलाकात की। छात्रों ने यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार को बताया कि सीयूईटी के अंतर्गत हो रही प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सीयूईटी परीक्षा के लिए और फिर विश्वविद्यालय में प्रवेश के दौरान अलग से रजिस्ट्रेशन के लिए छात्रों को शुल्क देना पड़ रहा है। यूजीसी चेयरमैन को बताया गया कि इसके कारण छात्रों पर आर्थिक दबाव बढ़ा है।  यूजीसी चेयरमैन के सामने यह विषय उठाते हुए प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए केवल एक बार शुल्क लेने की मांग की गई है। अभाविप ने मांग कि है कि आईआईटी व एनआईटी की तरह सीयूईटी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग की भी जाए।  इसके साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मांग की कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित हो रही परीक्षाओं को केवल सरकारी एवं विश्वसनीय केंद्रों पर ही आयोजित किया जाय। देश में सीयूईटी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। अभाविप ने मांग की है कि छात्रों को सीयूईटी परीक्षा के दौरान अंतिम समय में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और बेहतर तरीके से पूरी तैयारी करे।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा है कि सीयूईटी में बड़ी संख्या में छात्र भाग ले रहे हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए काउंसलिंग व्यवस्था को अधिक आसान बनाया जाए। छात्रों की आर्थिक सुविधानुसार पूरी प्रवेश प्रक्रिया में शुल्क केवल एक बार लिया जाए। साथ ही परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। कॉमन काउंसलिंग प्रक्रिया होने से छात्रों को आसानी होगी।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने सीयूईटी कॉमन काउंसलिंग के विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
नई दिल्ली, 1 मई - देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के लिए शुल्क और फिर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क का आर्थिक दबाव काफी ज्यादा है। छात्रों और उनके प्रतिनिधियों ने अब इस प्रक्रिया को सरल करने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि किसी भी एक विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए केवल एक बार शुल्क लिया जाना चाहिए। छात्रों ने अपनी यह मांग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी से की है।

देशभर के छात्रों की यह मांग लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन से मुलाकात की। छात्रों ने यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार को बताया कि सीयूईटी के अंतर्गत हो रही प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सीयूईटी परीक्षा के लिए और फिर विश्वविद्यालय में प्रवेश के दौरान अलग से रजिस्ट्रेशन के लिए छात्रों को शुल्क देना पड़ रहा है। यूजीसी चेयरमैन को बताया गया कि इसके कारण छात्रों पर आर्थिक दबाव बढ़ा है।

यूजीसी चेयरमैन के सामने यह विषय उठाते हुए प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए केवल एक बार शुल्क लेने की मांग की गई है। अभाविप ने मांग कि है कि आईआईटी व एनआईटी की तरह सीयूईटी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग की भी जाए।

इसके साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मांग की कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित हो रही परीक्षाओं को केवल सरकारी एवं विश्वसनीय केंद्रों पर ही आयोजित किया जाय। देश में सीयूईटी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। अभाविप ने मांग की है कि छात्रों को सीयूईटी परीक्षा के दौरान अंतिम समय में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और बेहतर तरीके से पूरी तैयारी करे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा है कि सीयूईटी में बड़ी संख्या में छात्र भाग ले रहे हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए काउंसलिंग व्यवस्था को अधिक आसान बनाया जाए। छात्रों की आर्थिक सुविधानुसार पूरी प्रवेश प्रक्रिया में शुल्क केवल एक बार लिया जाए। साथ ही परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। कॉमन काउंसलिंग प्रक्रिया होने से छात्रों को आसानी होगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने सीयूईटी कॉमन काउंसलिंग के विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।