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बदलने वाला है CBSE का फॉर्मेट, अपनी पसंद से चुन सकेंगे विषय, कैसे होंगे एग्जाम?

पिछले हफ्ते शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ 2023 ड्राफ्ट जारी किया। जिसमें शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव व सुझाव दिए गए। इस मसौदे को लागू करने से पहले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों (शिक्षा मॉडल) जैसे हितधारकों से सुझाव भी मांगे गए हैं।
 
पिछले हफ्ते शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ 2023 ड्राफ्ट जारी किया। जिसमें शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव व सुझाव दिए गए। इस मसौदे को लागू करने से पहले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों (शिक्षा मॉडल) जैसे हितधारकों से सुझाव भी मांगे गए हैं।  अगले कुछ वर्षों में भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अब स्किल बेस्ड और प्रैक्टिकल एजुकेशन पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। शिक्षा का मॉडल इस तरह तैयार किया जाएगा कि बच्चे पढ़ाई को बोझ न समझें और मन लगाकर न केवल पढ़ाई करें बल्कि भविष्य के लिए भी तैयार हों। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा के प्रारूप में भी बदलाव किया जाएगा।  कैसा रहेगा बोर्ड का रिजल्ट? एनसीएफ 2023 के मसौदे में साल के अंत में होने वाली परीक्षाओं के बजाय मॉड्यूलर परीक्षाओं की सिफारिश करने का प्रस्ताव है। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा की बात भी होती है। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का अंतिम स्कोर 2 वर्षों में उनके समग्र प्रदर्शन पर आधारित होगा। इसमें कक्षा 9 और 11 से शुरू होने वाले कम से कम चार बोर्ड परीक्षा सत्र शामिल हो सकते हैं।  कितनी परीक्षा देनी है? NCF के मसौदे के अनुसार, माध्यमिक स्तर को 4 ग्रेड (9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं) में विभाजित किया गया है। इस चरण में आप 8 पाठ्यक्रम क्षेत्रों में से 16 वैकल्पिक पाठ्यक्रमों में से कोई भी चुन सकते हैं। यह 4 सेमेस्टर में कवर किया जाएगा। प्रत्येक वैकल्पिक पाठ्यक्रम 1 सेमेस्टर में शामिल किया जाएगा। 8-8 के इस ग्रुप में छात्रों को कुल 16-16 पेपर देने होते हैं। भाग 11-12 को एक साथ रखने का प्रस्ताव है।

पिछले हफ्ते शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ 2023 ड्राफ्ट जारी किया। जिसमें शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव व सुझाव दिए गए। इस मसौदे को लागू करने से पहले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों (शिक्षा मॉडल) जैसे हितधारकों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

अगले कुछ वर्षों में भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अब स्किल बेस्ड और प्रैक्टिकल एजुकेशन पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। शिक्षा का मॉडल इस तरह तैयार किया जाएगा कि बच्चे पढ़ाई को बोझ न समझें और मन लगाकर न केवल पढ़ाई करें बल्कि भविष्य के लिए भी तैयार हों। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा के प्रारूप में भी बदलाव किया जाएगा।

कैसा रहेगा बोर्ड का रिजल्ट?
एनसीएफ 2023 के मसौदे में साल के अंत में होने वाली परीक्षाओं के बजाय मॉड्यूलर परीक्षाओं की सिफारिश करने का प्रस्ताव है। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा की बात भी होती है। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का अंतिम स्कोर 2 वर्षों में उनके समग्र प्रदर्शन पर आधारित होगा। इसमें कक्षा 9 और 11 से शुरू होने वाले कम से कम चार बोर्ड परीक्षा सत्र शामिल हो सकते हैं।

कितनी परीक्षा देनी है?
NCF के मसौदे के अनुसार, माध्यमिक स्तर को 4 ग्रेड (9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं) में विभाजित किया गया है। इस चरण में आप 8 पाठ्यक्रम क्षेत्रों में से 16 वैकल्पिक पाठ्यक्रमों में से कोई भी चुन सकते हैं। यह 4 सेमेस्टर में कवर किया जाएगा। प्रत्येक वैकल्पिक पाठ्यक्रम 1 सेमेस्टर में शामिल किया जाएगा। 8-8 के इस ग्रुप में छात्रों को कुल 16-16 पेपर देने होते हैं। भाग 11-12 को एक साथ रखने का प्रस्ताव है।