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बड़ी खबर: SSC ने 13 भाषाओं के साथ सीएपीएफ कांस्टेबल जीडी परीक्षा की पहुंच बढ़ाई

समावेशिता और भाषा विविधता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने घोषणा की है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भर्ती के लिए कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा अब हिंदी और अंग्रेजी के साथ 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। . इस अभूतपूर्व निर्णय का उद्देश्य परीक्षा में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाना और पूरे देश में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना है।
 
 
बड़ी खबर: SSC ने 13 भाषाओं के साथ सीएपीएफ कांस्टेबल जीडी परीक्षा की पहुंच बढ़ाई

समावेशिता और भाषा विविधता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने घोषणा की है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भर्ती के लिए कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा अब हिंदी और अंग्रेजी के साथ 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। . इस अभूतपूर्व निर्णय का उद्देश्य परीक्षा में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाना और पूरे देश में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना है।
बड़ी खबर: SSC ने 13 भाषाओं के साथ सीएपीएफ कांस्टेबल जीडी परीक्षा की पहुंच बढ़ाई

मुख्य विवरण:

  1. परीक्षा तिथियां और स्थान:

    • परीक्षा 20 फरवरी से 7 मार्च 2024 तक होगी.
    • यह देशभर के 128 शहरों में आयोजित किया जाएगा।
  2. भाषाएँ शामिल:

    • असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी।
  3. उद्देश्य:

    • सीएपीएफ जीडी कांस्टेबल परीक्षा में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाएं।
    • क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना और उनका संरक्षण करना।

एसएससी की भूमिका:

  • कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) हर साल कांस्टेबल जीडी परीक्षा आयोजित करता है।
  • इस साल 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा की सुविधा के लिए एसएससी और गृह मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

सरकार की पहल:

  • यह निर्णय सरकार के समावेशिता और सशक्तिकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इस पहल के लिए मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया है।

आधिकारिक सूचना:

  • पीआईबी के आधिकारिक नोटिस के अनुसार, गृह मंत्रालय ने 01 जनवरी, 2024 से 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।
  • यह पहल युवाओं को अपनी मातृभाषा में राष्ट्र की सेवा में करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है।