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एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय, दो नामों से जाना जाता है, जानिए क्यों?

बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जो 1916 में स्थापित हुआ था। यह इंडो-गोथिक वास्तुकला के प्रसिद्ध इमारतों के लिए प्रसिद्ध है और अपने विशाल कैम्पस के साथ जाना जाता है। इसका संदर्भित इतिहास और महत्व है।
 
 
बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जो 1916 में स्थापित हुआ था। यह इंडो-गोथिक वास्तुकला के प्रसिद्ध इमारतों के लिए प्रसिद्ध है और अपने विशाल कैम्पस के साथ जाना जाता है। इसका संदर्भित इतिहास और महत्व है।

बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जो 1916 में स्थापित हुआ था। यह इंडो-गोथिक वास्तुकला के प्रसिद्ध इमारतों के लिए प्रसिद्ध है और अपने विशाल कैम्पस के साथ जाना जाता है। इसका संदर्भित इतिहास और महत्व है।
एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय, दो नामों से जाना जाता है, जानिए क्यों?

बीएचयू - बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी: भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है), काशी, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसे 1916 में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय अपनी इंडो-गोथिक वास्तुकला की भव्य इमारतों के लिए प्रसिद्ध है।

विश्वविद्यालय का स्थान: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है, और इसका क्षेत्रफल लगभग 1300 एकड़ (5.3 किलोमीटर) है। यहां के सभी छात्रों के लिए विशाल हॉस्टल भी हैं, जो उन्हें आरामदायक आवास प्रदान करते हैं।
एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय, दो नामों से जाना जाता है, जानिए क्यों?

संदर्भित इतिहास: इस विश्वविद्यालय की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा की गई थी, और उन्हें इसे बनाने के लिए काशी नरेश ने एक विशेष जगह की दान में दी थी। पंडित मालवीय जी ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दिनभर पैदल चल कर अपनी कठिनाइयों को पार किया, और उन्हें इस जगह का दान मिला। काशी नरेश ने उन्हें यह आश्वासन दिया था कि जितनी जगह वह पैदल चलकर नापेंगे, उतनी जगह पर विश्वविद्यालय का नाम कर दिया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, बीएचयू की नींव बहुत ही महत्वपूर्ण और विशाल है, और यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थानों में से एक है।