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9वीं और 11वीं परीक्षा परिणाम खराब होने का आरोप, दिल्ली सरकार ने कहा, झूठा है आरोप

बीते कुछ दिनों से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम बेहद खराब आए हैं। कहा गया कि कई सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही रहे हैं और कई स्कूलों में 90 फीसदी तक छात्र फेल हुए हैं।
 
नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| बीते कुछ दिनों से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम बेहद खराब आए हैं। कहा गया कि कई सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही रहे हैं और कई स्कूलों में 90 फीसदी तक छात्र फेल हुए हैं। हालांकि दिल्ली सरकार इसे झूठ बताया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भाजपा को खुली चुनौती दी है कि वह एक स्कूल बताए जहां 90 फीसद बच्चे फेल हुए हों।  शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रही शानदार शिक्षा से नफरत है। इसलिए झूठे और मनगढ़ंत बातें करते रहते हैं। भाजपा नेता नहीं चाहते कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। भाजपा शासित राज्यों में सरकारी स्कूल टीन शेड में चलते हैं और पढ़ाई भी नहीं होती है, जबकि अब दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं।  शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देती हूं कि वो पूरी दिल्ली में एक भी स्कूल ऐसा दिखा दे जहां पर 90 फीसद से ज्यादा बच्चे फेल हो गए हैं। एक से लेकर 12वीं तक किसी भी क्लास में ऐसा हुआ है तो दिखा दे। उन्होंने कहा कि यह सभी आरोप झूठे हैं।  इसके साथ ही यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि बोर्ड की कक्षाओं को छोड़ सभी कक्षाओं का रिजल्ट 31 मार्च तक आ गया लेकिन अब छात्रों के अंक बढ़ाकर फाइनल रिजल्ट 6 अप्रैल तक शिक्षा निदेशालय को सौंपा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर उन्होंने आदेश पढ़ा होता तो उनको पता होता कि यह एक साधारण रिचेकिंग की प्रक्रिया है जो हर साल होती है। परीक्षा की प्रक्रिया में छात्रों के मार्क्‍स को कॉपी से रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, उसके बाद रजिस्टर से ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं। यह हर स्कूलिंग और यूनिवर्सिटी सिस्टम में प्रक्रिया होती है कि एग्जाम और कंपार्टमेंट एग्जाम के मार्क्‍स एक प्रक्रिया के तहत एक बार चेक किया जाता है कि कहीं गलत मार्क्‍स तो अपलोड नहीं हो गए, कहीं प्रैक्टिकल के मार्क्‍स छूट तो नहीं गए हैं, कहीं इंटरनल एसेसमेंट के मार्क्‍स तो छूट नहीं गए। यह प्रक्रिया हमेशा से दिल्ली सरकार के स्कूलों में चलती आ रही है।  एक सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि क्या बच्चों के मार्क्‍स को दोबारा चेक करना गलत है, अगर अपलोड करने में कोई गलती हो गई हो तो क्या उसे ठीक करना गलत है, क्या बच्चों का कंपार्टमेंट का एग्जाम लेना गलत है। अगर ये सब चीजें गलत है तो फिर हम दोषी हैं। इस देश का हर स्कूलिंग सिस्टम दोषी है, सीबीएसई दोषी है और हर यूनिवर्सिटी दोषी है, क्योंकि यह प्रक्रिया एक तकनीकी प्रक्रिया है, जो हमेशा से होता आया है।
नई दिल्ली, 5 अप्रैल-  बीते कुछ दिनों से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम बेहद खराब आए हैं। कहा गया कि कई सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही रहे हैं और कई स्कूलों में 90 फीसदी तक छात्र फेल हुए हैं। हालांकि दिल्ली सरकार इसे झूठ बताया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भाजपा को खुली चुनौती दी है कि वह एक स्कूल बताए जहां 90 फीसद बच्चे फेल हुए हों।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रही शानदार शिक्षा से नफरत है। इसलिए झूठे और मनगढ़ंत बातें करते रहते हैं। भाजपा नेता नहीं चाहते कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। भाजपा शासित राज्यों में सरकारी स्कूल टीन शेड में चलते हैं और पढ़ाई भी नहीं होती है, जबकि अब दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देती हूं कि वो पूरी दिल्ली में एक भी स्कूल ऐसा दिखा दे जहां पर 90 फीसद से ज्यादा बच्चे फेल हो गए हैं। एक से लेकर 12वीं तक किसी भी क्लास में ऐसा हुआ है तो दिखा दे। उन्होंने कहा कि यह सभी आरोप झूठे हैं।

इसके साथ ही यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि बोर्ड की कक्षाओं को छोड़ सभी कक्षाओं का रिजल्ट 31 मार्च तक आ गया लेकिन अब छात्रों के अंक बढ़ाकर फाइनल रिजल्ट 6 अप्रैल तक शिक्षा निदेशालय को सौंपा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर उन्होंने आदेश पढ़ा होता तो उनको पता होता कि यह एक साधारण रिचेकिंग की प्रक्रिया है जो हर साल होती है। परीक्षा की प्रक्रिया में छात्रों के मार्क्‍स को कॉपी से रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, उसके बाद रजिस्टर से ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं। यह हर स्कूलिंग और यूनिवर्सिटी सिस्टम में प्रक्रिया होती है कि एग्जाम और कंपार्टमेंट एग्जाम के मार्क्‍स एक प्रक्रिया के तहत एक बार चेक किया जाता है कि कहीं गलत मार्क्‍स तो अपलोड नहीं हो गए, कहीं प्रैक्टिकल के मार्क्‍स छूट तो नहीं गए हैं, कहीं इंटरनल एसेसमेंट के मार्क्‍स तो छूट नहीं गए। यह प्रक्रिया हमेशा से दिल्ली सरकार के स्कूलों में चलती आ रही है।

एक सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि क्या बच्चों के मार्क्‍स को दोबारा चेक करना गलत है, अगर अपलोड करने में कोई गलती हो गई हो तो क्या उसे ठीक करना गलत है, क्या बच्चों का कंपार्टमेंट का एग्जाम लेना गलत है। अगर ये सब चीजें गलत है तो फिर हम दोषी हैं। इस देश का हर स्कूलिंग सिस्टम दोषी है, सीबीएसई दोषी है और हर यूनिवर्सिटी दोषी है, क्योंकि यह प्रक्रिया एक तकनीकी प्रक्रिया है, जो हमेशा से होता आया है।