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आर्मी इंटेलीजेंस के इनपुट पर दो ठग गिरफ्तार: सेना भर्ती के नाम पर युवाओं से लाखों ठगे, बनारस में STF ने दबोचा

 
आर्मी इंटेलीजेंस के इनपुट पर दो ठग गिरफ्तार: सेना भर्ती के नाम पर युवाओं से लाखों ठगे, बनारस में STF ने दबोचा

वाराणसी, 22 सितम्बर । सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने सरगना और उसके साथी को दबोच लिया। ठगों के पास से एसटीएफ टीम ने रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र,चार फोन, कार और सात हजार रूपये नगद बरामद कर लिया।

गिरफ्तार ठग कोकर रांची झारखण्ड निवासी अमित कुमार चौधरी पुत्र नवीन चौधरी और सचिन कुमार पाण्डेय पुत्र विमलेश पाण्डेय से पूछताछ के बाद एसटीएफ टीम गिरोह के अन्य सदस्यों के धरपकड़ में जुट गई है।

मिलिट्री इन्टेलीजेन्स (एमआई) को लगातार सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी़ एवं इसके आस.पास के जनपदों के साथ हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकाता, भुवनेश्वर, लखनऊ आदि शहरों में सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाज बेरोजगार युवकों को ठग रहे है।

एमआई ने इसकी जानकारी एसटीएफ को दी। एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर दी। टीम ठगों की तलाश में जुटी हुई थी। इसी दौरान टीम को सूचना मिली कि ठगी करने वाले गैंग का सरगना अमित कुमार चौधरी ने अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ कैण्टोमेंट एरिया के डाक बंगले में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पंजाब व महाराष्ट्र के बेरोजगार लड़कों को मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस की फर्जी परीक्षा को लेकर बुलाया है।

एसटीएफ वाराणसी टीम ने मौके पर पहुॅंचकर पता किया तो ज्ञात हुआ की ठग चेक आउट करके चले गये है। इसके बाद वहां मौजूद लड़कों की निशानदेही पर टीम ने कुछ दूरी पर जा रही गाडी का पीछा करके आवश्यक बल प्रयोग करते हुए ठगों को सेंट मैरिज स्कूल के पास घेर कर दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि छावनी क्षेत्र स्थित डाक बंगला के अन्दर कमरा बुक कराकर विभिन्न प्रांतों के लड़को को बुलाकर मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस की फर्जी परीक्षा लेकर उनका फिंगर प्रिंट लेते थे। इसके बाद कबीरचौरा स्थित मण्डलीय चिकित्सालय से मेडिकल कराकर फर्जी ज्वानिंग लेटर देकर भर्ती के नाम पर लाखों की वसूली करते हैं। गिरोह लम्बे समय से इस कार्य में लिप्त है।

दोनों ने पुलिस अफसरों को बताया कि गैंग का एक सदस्य राकेश कुमार बिष्ट एमईएस की फर्जी आईडी दिखाकर लडकों को फंसाकर लाता है। डाक बंगला में पहचान के लोगों के माध्यम से आराम से कमरा बुक हो जाता है। डाक बंगला कैण्टोमेण्ट क्षेत्र में होने के कारण भर्ती होने आये लडके उसे मिलिट्री का ऑफिस समझकर परीक्षा देते हैं और विश्वास कर लेते है कि सब सही काम हो रहा है। इसी दौरान ये लोग अभ्यर्थियों से 01 से 02 लाख रूपये एकाउण्ट में मंगवा लेते है। रूपये मंगवा लेने के बाद सरकारी अस्पताल कबीरचौरा में मेडिकल करवा देते है और उसके बाद 04 लाख रूपये की मांग करते हैं। पैसा मिल जाने के बाद फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र उनके पते पर भेज देते है।

एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि गिरफ्तार ठगों के अलावा गिरोह में संलिप्त अन्य सदस्यों के सम्बन्ध में जांच की जा रही है।