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नई दिल्ली: केंद्र सरकार विकसित करेगी Research और रोजगार आधारित 14,500 Green School

 
The central government will develop 14,500 green schools based on research and employment

नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| शिक्षा मंत्रालय अब स्कूलों में ऐसे दिन भी तय करेगा जब छात्र बिना बस्ते के स्कूल जाएंगे। इतना ही नहीं अब स्कूल के दिनों से ही इनोवेशन बेस्ड स्टडी और रिसर्च शुरू की जाएगी। यह शुरूआत 'पीएम श्री स्कूल योजना' के तहत की जा रही है। इसके लिए अगले 5 वर्षों में 27360 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इसमें केंद्र सरकार 18128 करोड़ खर्च करेगी। इस योजना की खास बात यह है कि इसके अंतर्गत विकसित किए जा रहे स्कूलों में छात्रों का हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। स्कूलों के छात्रों के लिए इंटर्नशिप होगी। स्कूलों में सौर पैनल, पोषण उद्यान, प्राकृतिक खेती, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्ति, जल संरक्षण जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलू शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस नई केंद्र प्रायोजित योजना - पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) को मंजूरी दी। यह देश भर के 14500 से अधिक स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों के रूप में विकसित करने के लिए यह एक नई योजना होगी।

इस योजना के तहत विकसित किए जा रहे स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी होंगी। पीएम श्री के तहत 100 प्रतिशत स्कूलों को आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल पहल के तहत कवर किया जाएगा।

इन स्कूलों का उद्देश्य छात्रों का न केवल संज्ञानात्मक विकास करना होगा, बल्कि 21 वीं सदी के महत्वपूर्ण कौशल से युक्त, समग्र और पूर्ण-विकसित व्यक्तियों का निर्माण करना भी होगा। इन स्कूलों में प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों पर ध्यान दिया जाएगा। संख्यात्मक, मौखिक और तर्क कौशल का आकलन होगा। सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ, वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग और योग्यता पर आधारित होगा। वहीं रोजगार क्षमता बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योगों के साथ संपर्क बनाया जाएगा। आरटीई अधिनियम के तहत लाभार्थी उन्मुख पात्रता। शत-प्रतिशत पीएम श्री स्कूलों को विज्ञान और गणित किट मिलेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यहां इन स्कूलों में लड़कियों के लिए सुरक्षित और उपयुक्त बुनियादी ढांचे के प्रावधान सहित समानता और समावेश स्थापित किया जाएगा। छात्रों के लिए प्रस्तावित विषयों के चुनाव में लचीले रुख को प्रोत्साहित करना, शिक्षकों और छात्रों के बीच भाषा की बाधाओं को पाटने में मदद करने के लिए मातृभाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में प्रोत्साहित करना भी इन स्कूलों का लक्ष्य है।

इन विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए परिपूर्णता आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। सभी स्कूलों को विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आईसीटी सुविधा और वोकेशनल लैब आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।

पीएम श्री स्कूलों को समग्र शिक्षा, केवीएस और एनवीएस के लिए उपलब्ध मौजूदा प्रशासनिक ढांचे के माध्यम से लागू किया जाएगा। अन्य स्वायत्त निकायों को आवश्यकतानुसार विशिष्ट परियोजना के आधार पर शामिल किया जाएगा।

पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें विभिन्न स्कूल अनुकरणीय स्कूल बनने हेतु सहायता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा। इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, इस पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा।