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CUET से ही होगा सेंट स्टीफन में दाखिला, कॉलेज को बदलना होगा अपना प्रोस्पेक्टस

दिल्ली यूनिवर्सिटी का सेंट स्टीफंस कॉलेज बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी एडमिशन प्रक्रिया में इंटरव्यू को शामिल करना चाहता था। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफंस कॉलेज को कहा है कि उसे सीयूईटी का पालन करना होगा।
 
CUET से ही होगा सेंट स्टीफन में दाखिला, कॉलेज को बदलना होगा अपना प्रोस्पेक्टस

नई दिल्ली 15 सितंबर | दिल्ली यूनिवर्सिटी का सेंट स्टीफंस कॉलेज बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी एडमिशन प्रक्रिया में इंटरव्यू को शामिल करना चाहता था। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफंस कॉलेज को कहा है कि उसे सीयूईटी का पालन करना होगा। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय स्पष्ट कर चुका है कि सीयूईटी प्रक्रिया पालन न करने पर सेंट स्टीफंस कॉलेज द्वारा लिए गए दखिलों को दिल्ली विश्वविद्यालय मान्यता नहीं देगा। नए बदलाव के उपरांत अब सेंट स्टीफन कॉलेज को अपना प्रोस्पेक्टस भी वापस लेना होगा। दरअसल अपने नए प्रोस्पेक्टस में कॉलेज को यह स्पष्ट बताना होगा कि सेंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला केवल सीयूईटी की परीक्षाओं के आधार पर ही दिए जा रहे हैं। इससे पहले जारी किए गए प्रोस्पेक्टस में सेंट स्टीफन कॉलेज ने सीयूईटी परीक्षाओं को 85 प्रतिशत और इंटरव्यू को 15 प्रतिशत वेटेज देने का निर्णय लिया था। हालांकि सेंट स्टीफन कॉलेज के निर्णय को अब रद्द कर दिया गया है।

CUET से ही होगा सेंट स्टीफन में दाखिला, कॉलेज को बदलना होगा अपना प्रोस्पेक्टस

दरअसल सेंट स्टीफंस कॉलेज का स्टैंड रहा है कि वह संविधान द्वारा दिए गए विशेषाधिकारों से समझौता किए बिना वह सीयूईटी का पालन करेंगे। कॉलेज ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का भी हवाला दिया था कि एक अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में सेंट स्टीफंस की अपनी प्रवेश प्रक्रियाएं हैं जो संविधान द्वारा गारंटीकृत है। यही कारण है कि हाईकोर्ट द्वारा सीयूईटी के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद सेंट स्टीफन कॉलेज सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।

डीयू में इस बार दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्कोर के माध्यम से हो रहे हैं। 15 सितंबर या उससे एक-दो दिन पहले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (सीयूईटी- यूजी) का रिजल्ट घोषित किया जाना है। सीयूईटी के रिजल्ट की संभावित तारीख के सामने आने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय 12 सितंबर को डीयू में दाखिले से जुड़ी जानकारी साझा कर दी है।

विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग- 80 विभाग हैं जहां स्नातकोत्तर डिग्री ,पीएचडी, सर्टिफिकेट कोर्स, डिग्री कोर्स आदि कराएं जाते हैं। इसी तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में तकरीबन 79 कॉलेज है जिनमे स्नातक, स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों व विभागों में हर साल स्नातक स्तर पर विज्ञान , वाणिज्य व मानविकी विषयों में 70 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के प्रवेश होते हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि सभी कॉलेजों में दाखिले केवल सीयूईटी के स्कोर के आधार पर होंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने सेंट स्टीफंस कॉलेज से कहा है कि वह भी अन्य कॉलेजों की भांति केवल सीयूईटी को ही आधार मानते हुए दाखिला दे। कॉलेज के रुख से नाराज दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर चुका है कि सीयूईटी प्रक्रिया पालन न करने पर कॉलेज द्वारा लिए गए दखिलों को दिल्ली विश्वविद्यालय मान्यता नहीं देगा।

इतना ही नहीं दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि अगर सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी का पालन नहीं करेगा तो यहां किए जाने वाले एडमिशन अमान्य करार दिए जा सकते हैं। इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन हासिल करने वाले छात्रों की डिग्री को भी दिल्ली विश्वविद्यालय मान्यता देने से इंकार कर सकता है।

वहीं यदि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की बात की जाए तो जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कई स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को लागू करने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय ने इसके बारे में यूजीसी और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भी सूचना दे दी है।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने बकायदा सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों और निदेशकों को सीयूईटी अपनाने के लिए पत्र लिखा था। यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की थी।