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हुनरमंद घरेलू महिलाएं बना रही है अपनी नई पहचान

कहा जाता है कि अगर इरादे पक्के हों और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हालात आपको रोक नहीं सकते। ऐसा ही कुछ कर गुजरने की राह पर हुनरमंद घरेलू महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। यह कलाकार घरेलू महिलाएं देश के अलग-अलग हिस्से में पहुंचकर अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं। ये महिलाएं आगामी दिनांे में मध्य प्रदेश के पर्यटन नगर ओरछा व खजुराहो में रहकर यहां के नजारे और स्थापत्य कला को कैनवास पर उतारकर प्रदर्शनी भी लगाएंगी। आमतौर पर महिलाएं जिंदगी में आए बड़े बदलाव के बाद या यूं कहें शादी व पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ने पर वे अपने शौक व हुनर को पीछे छोड़कर आगे चल देती हैं। जब उनकी जिम्मेदारी कम हो जाती है या उससे पूरी तरह मुक्त हो जाती है तो उनके लिए फिर अपने शौक को जिंदा करना आसान नहीं होता।
 
हुनरमंद घरेलू महिलाएं बना रही है अपनी नई पहचान

भोपाल, 6 नवंबर कहा जाता है कि अगर इरादे पक्के हों और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हालात आपको रोक नहीं सकते। ऐसा ही कुछ कर गुजरने की राह पर हुनरमंद घरेलू महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। यह कलाकार घरेलू महिलाएं देश के अलग-अलग हिस्से में पहुंचकर अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं। ये महिलाएं आगामी दिनांे में मध्य प्रदेश के पर्यटन नगर ओरछा व खजुराहो में रहकर यहां के नजारे और स्थापत्य कला को कैनवास पर उतारकर प्रदर्शनी भी लगाएंगी। आमतौर पर महिलाएं जिंदगी में आए बड़े बदलाव के बाद या यूं कहें शादी व पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ने पर वे अपने शौक व हुनर को पीछे छोड़कर आगे चल देती हैं। जब उनकी जिम्मेदारी कम हो जाती है या उससे पूरी तरह मुक्त हो जाती है तो उनके लिए फिर अपने शौक को जिंदा करना आसान नहीं होता। ऐसी कुछ महिलाओं ने अपने शौक को फिर से जिंदा करने की मुहिम शुरू की है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों की कला के मामले में दक्ष महिलाएं आगे आई हैं।

बुंदेलखंड से नाता रखने वाली रश्मि सोनी भी उन महिलाओं में है जो हुनरमंद घरेलू महिलाओं को एक मंच पर लाने की मुहिम में जुटी हैं। रश्मि बताती हैं कि वे वर्ष 2013 से बैंगलोर में शाइनीकलर्स नाम से एक कला विद्यालय चला रही है, इसके साथ ही भारत, इटली, स्विटजरलैंड, तुर्की, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, हांगकांग, सिंगापुर और चीन सहित कई देशों में 35 से अधिक प्रदर्शनी की हैं। कई उत्कृष्ट पेंटिंग पुरस्कार भी मिले हैं। उनकी पेंटिंग दिल्ली ललित कला अकादमी, कर्नाटक ललित कला अकादमी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और भारत व विदेशों में कई निजी कला संग्रहकर्ताओं के स्थायी संग्रह में हैं।

रश्मि बताती है कि बीते साल उनके मन में महिलाओं को एक मंच देने का विचार आया, जिसमें उन्हें साथ मिला, दो अन्य कलाकार मित्रों फरीदाबाद की पूजा कुमार कलाकार और नोएडा की शर्मिता रॉय का। तीनों ने मिलकर ओपस कला संयोजन नामक एक संगठन की स्थापना की। कला संयोजन महिला कलाकारों का एक संगठन है। हमारे संगठन का मकसद उन महिला कलाकारों को अवसर देना है जो कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही हैं।

इस संगठन से जुड़े लोग बताते है कि खजुराहो और ओरछा में एक अखिल महिला आवासीय कला कार्यशाला कर रहे हैं ताकि इसकी अद्भुत वास्तुकला और स्थान पर अद्वितीय मूर्तियों का अध्ययन किया जा सके। खजुराहो में नौ और 10 नवंबर व ओरछा में 11 व 12 नवंबर को यह कार्यशाला है। इस कार्यशाला में पूरे भारत से 50 महिला कलाकार भाग ले रही हैं। वे बैंगलोर, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, केरल, उज्जैन, जबलपुर, सूरत, अहमदाबाद, जोधपुर और कई अन्य छोटे शहरों से भी आ रही हैं। यह दूसरा कार्यक्रम है। पिछले जून 2022 में कश्मीर में आयोजन किया था।