Logo Naukrinama

सेवानिवृत्त यूपी शिक्षकों को मेंटर के रूप में फिर से नियुक्त किया जाएगा

 
लखनऊ, 30 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) समेत सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिर से नियुक्त करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, सरकार की योजना उन सेवानिवृत्त शिक्षकों को शामिल करने की है, जो स्कूलों में फिर से नियुक्त होने के इच्छुक हैं।  बेसिक शिक्षा सचिव विजय कुमार आनंद ने कहा, संरक्षक के रूप में उन्हें सहकर्मी की शिक्षा सुनिश्चित करने, आंतरिक प्रेरणा देने और कक्षा को छात्र-केंद्रित बनाने की आवश्यकता होगी। इससे छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार होगा।  इस कदम से कई लाभ होंगे, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षकों समेत शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे स्कूलों में उनका उपयोग शामिल है। अधिकारी ने दावा किया कि ये बहुत कम खर्च वाले स्कूलों में मेंटरिंग की अवधारणा को भी बढ़ावा देंगे।  अधिसूचना के अनुसार, 70 वर्ष से कम आयु के शिक्षक परामर्श के लिए पात्र होंगे और उनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। प्रत्येक चयनित शिक्षक अपने अनुबंधों के नवीनीकरण से पहले एक वर्ष के बाद प्रदर्शन मूल्यांकन से गुजरेंगे।  चयन में उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं। साथ ही, उनके पास अस्टिेंट टीचर या हेड टीचर (प्रिंसिपल) के रूप में कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।  चयनित शिक्षकों को 2,500 रुपये प्रति माह भत्ता के रूप में दिया जाएगा।  प्रत्येक चयनित शिक्षक को प्रेरणा ऐप के माध्यम से कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सर्पोटिव सुपरविजन करना होगा। माता-पिता और छात्रों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।  ये शिक्षक स्कूल की गतिविधियों जैसे असेंबली, खेलकूद का भी निरीक्षण करेंगे और स्कूलों में मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन करेंगे।
लखनऊ, 30 सितंबर | उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) समेत सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिर से नियुक्त करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, सरकार की योजना उन सेवानिवृत्त शिक्षकों को शामिल करने की है, जो स्कूलों में फिर से नियुक्त होने के इच्छुक हैं।

बेसिक शिक्षा सचिव विजय कुमार आनंद ने कहा, संरक्षक के रूप में उन्हें सहकर्मी की शिक्षा सुनिश्चित करने, आंतरिक प्रेरणा देने और कक्षा को छात्र-केंद्रित बनाने की आवश्यकता होगी। इससे छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार होगा।

इस कदम से कई लाभ होंगे, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षकों समेत शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे स्कूलों में उनका उपयोग शामिल है। अधिकारी ने दावा किया कि ये बहुत कम खर्च वाले स्कूलों में मेंटरिंग की अवधारणा को भी बढ़ावा देंगे।

अधिसूचना के अनुसार, 70 वर्ष से कम आयु के शिक्षक परामर्श के लिए पात्र होंगे और उनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। प्रत्येक चयनित शिक्षक अपने अनुबंधों के नवीनीकरण से पहले एक वर्ष के बाद प्रदर्शन मूल्यांकन से गुजरेंगे।

चयन में उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं। साथ ही, उनके पास अस्टिेंट टीचर या हेड टीचर (प्रिंसिपल) के रूप में कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।

चयनित शिक्षकों को 2,500 रुपये प्रति माह भत्ता के रूप में दिया जाएगा।

प्रत्येक चयनित शिक्षक को प्रेरणा ऐप के माध्यम से कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सर्पोटिव सुपरविजन करना होगा। माता-पिता और छात्रों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

ये शिक्षक स्कूल की गतिविधियों जैसे असेंबली, खेलकूद का भी निरीक्षण करेंगे और स्कूलों में मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन करेंगे।